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कैम्प लगा कर खोजे जा रहे हैं नये टीबी मरीज, पोर्टेबल एक्स रे मशीन से मिल रही मदद- New TB patients are being searched by setting up camps, help is being provided by portable X-ray machine.

कैम्प लगा कर खोजे जा रहे हैं नये टीबी मरीज, पोर्टेबल एक्स रे मशीन से मिल रही मदद





गोरखपुर, 06 जून। जिले में टीबी उन्मूलन के लिए नये टीबी रोगियों को खोज कर उन्हें इलाज व सरकारी सुविधाओं से जोड़ने पर विशेष जोर है। इसी कड़ी में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कैम्प लगा कर नये टीबी मरीज खोजे जा रहे हैं। इन कैम्प में पोर्टेबेल एक्स रे मशीन से मौके पर ही टीबी जांच की सुविधा मिल रही है, साथ ही बलगम से भी जांच कराई जा रही है। इस तरह मार्च दो हजार चौबीस से लेकर मई दो हजार चौबीस तक पोर्टेबल एक्स रे मशीन के जरिये 447 नये टीबी रोगी और बलगम की जांच से 34 नये टीबी मरीज खोजे गये हैं। सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है।


मानीराम क्षेत्र के 19 वर्षीय युवक बड़े (काल्पनिक नाम) को सीने में दर्द और खांसी की दिक्कत थी। बड़े ने बताया कि उन्हें आशा कार्यकर्ता के माध्यम से पता चला कि मानीराम अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य पर कैम्प लगा है। वहां जाने पर एक्स रे मशीन से उनकी जांच हुई जिसमें तुरंत पता चल गया कि उन्हें टीबी है। इससे पहले भी वह टीबी का मरीज रह चुका है और इसकी वजह से उसकी पढ़ाई छूट गयी। इससे पहले वर्ष 2022-23 में छह माह तक बड़े के टीबी का इलाज चला था। उनका कहना है कि इस बार जांच के बाद जो दवा दी गयी है उससे आराम मिला है। छह महीने तक नियमित दवा खाने को कहा गया है।


चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक मनीष तिवारी का कहना है कि कैम्प मोड से नये टीबी मरीजों को खोजना आसान हो रहा है। उनके यहां महराजगंज और मानीराम स्वास्थ्य केंद्र पर कैम्प लगाया गया तो टीबी के पांच नये मरीज खोजे जा सके। तीन लोगों में एक्स रे के जरिये टीबी की पुष्टि हुई और दो लोगों में बलगम जांच के जरिये टीबी का पता चला। इस कार्य में जिला स्तर से डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र, मिर्जा आफताब बेग और सी नाइंटिन टीम के लीड रामेंद्र जी सहयोग कर रहे हैं।


पांच हजार लोगों की हुई स्क्रिनिंग

पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा ने बताया कि मार्च से मई के बीच 5013 संभावित टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी। इस बीच 4994 संभावित मरीजों की जांच पोर्टेबल एक्स रे मशीन से की गयी।


नये टीबी मरीजों को मिलती है यह सुविधा

सरकारी प्रावधानों के अनुसार जांच व इलाज, निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज चलने तक खाते में 500 रुपये प्रति माह की दर से, निकट सम्पर्कियों की टीबी जांच और बचाव की दवा का सेवन, टीबी की सीबीनॉट जांच। साथ में मधुमेह और एचआईवी की जांच, सम्पूर्ण दवा और परामर्श


यह लक्षण दिखे तो कराएं जांच

अगर दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी, सीने में दर्द, बलगम में खून आना, शाम को पसीने के साथ बुखार, भूख न लगना, तेजी से वजन गिरने जैसे लक्षण हो तो जांच अवश्य करवाना चाहिए


बढ़ी है जांच

सी नाइंटिन टीम की मदद से कैम्प लगा कर नये टीबी मरीज खोजे जा रहे हैं। कैम्प के लिए पहले से योजना तैयार कर ली जाती है और खासतौर से उच्च जोखिम क्षेत्रों में कैम्प लगाए जाते हैं। नये टीबी मरीज खोज कर समय से इलाज कर देने से इसके संक्रमण का चेन टूटता है। लक्षण दिखने पर लोग अपने ब्लॉक में लगने वाले कैम्प में पहुंच कर टीबी जांच करवा सकते हैं। डॉ गणेश यादव, जिला क्षय रोग उन्मूलन अधिकारी

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