हाथरस मामले में चला योगी सरकार का चाबुक, एसडीएम समेत 6 अफसर सस्पेन्ड
इधर, हाथरस हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। मंगलवार को याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी से चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा- मैंने कल ही याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। याचिका में हादसे की जांच रिटायर्ड जस्टिस की निगरानी में पांच सदस्यीय टीम से कराने की मांग की गई थी। एसआईटी ने रिपोर्ट में कहा- हादसे में साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। हादसा आयोजकों की लापरवाही से हुआ। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया।
भीड़ के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए। आयोजकों ने बिना पुलिस वैरिफिकेशन जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा, उनसे अव्यवस्था फैली है। जांच के दौरान 150 अफसरों, कर्मचारी और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए। रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि भोले बाबा के कार्यक्रम के आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम की अनुमति ली। आयोजकों ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया। हादसे के बाद आयोजक मंडल के सदस्य घटनास्थल से भाग गए। आगरा जोन की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ एसआईटी प्रमुख हैं।
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