ऑन लाइन हाजिरी का फैसला वापस ले सरकार
ज्ञापन सौंपने के बाद अम्बिका पाण्डेय ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन विद्यालय की पंजीकाओं का डिजिटलाइजेशन व डिजिटल (डिजिटल फेस छायांकन) उपस्थिति कराए जाने संबंधी निर्देश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाय। कहा कि पिछले 4 दिनों से समूचे प्रदेश के लगभग 6 लाख शिक्षक डिजिटलाइजेशन का मुखर विरोध कर रहे हैं इसके बावजूद सरकार और परिषदीय अधिकारियों की चुप्पी हैरान करने वाली है। कहा कि सरकार मांगों को तत्काल पूरा करने की दिशा में पहल करे।
मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में जूनियर हाई स्कूल के शिक्षक, शिक्षिकाओं को हॉफ सी०एल० की सुविधा दिये जाने, 30 ई०एल० की सुविधा देने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा (बिना प्रीमियम) दिये जाने, ससमय स्थानानतंरण, पदोन्निति किये जाने, वेतन विसंगति समस्या का निराकरण करने, लिपिक की नियुक्ति करने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति करने, परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक, शिक्षिकाओं को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किये जाने, शिक्षक, शिक्षिकाओं के जनपद स्तर की स्मस्याओं को निस्तारित किये जाने आदि की मांग शामिल है। ज्ञापन सौंपने वालां में मंत्री मोहम्मद इजहारूल हक, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार जायसवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रमोद कुमार त्रिपाठी, उमेश मौर्य, मोहम्मद आलम, फूलचंद, डा. राजेश सक्सेना, बृजेश कुमार, विश्राम राव आशुतोष कुमार पाण्डेय, जया कुमारी, मनीष कुमार मिश्रा, संतोष श्रीवास्तव, राजेन्द्र प्रसाद, संतोष कुमार, अशोक राव, कृपा शंकर, बाबू लाल, आदि संगठन के पदाधिकारी एवं शिक्षक मौजूद रहे।
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