सेन्ट जोसेफ स्कूल में पुण्यतिथि पर याद किये गये गुरू तेग बहादुर
Guru Tegh Bahadur remembered on his death anniversary at St. Joseph's School
बस्ती, 27 नवम्बर। सेन्ट जोसेफ स्कूल में गुरू तेग बहादुर को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया गया। प्रिंसिपल एंजीलिना फिलिप ने कहा कि वे सिखों के नौवें गुरु हैं। उन्होंने चक नानकी नामक नगर की स्थापना की, जो आज आनंदपुर साहिब के नाम से विख्यात है। इतना ही नही गुरु ग्रंथ साहिब के लिए 115 भजन भी लिखे। वह बहुत करुणामय और सौम्य थे।
वे गुरुद्वारों में लंगर सेवा और जल कूप स्थापित करके योगदान देते थे। युद्ध कला और शास्त्रों में भी पारंगत थे। 1675 में दिल्ली में गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म और मानवता की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति दी। मुगल शासक औरंगज़ेब द्वारा जबरन धर्मांतरण और धार्मिक उत्पीड़न के खिलाफ कश्मीरी पंडितों ने सहायता की गुहार लगाई, तब गुरु जी ने उन्हें बचाने के लिए स्वयं को कुर्बान कर दिया। उनका यह बलिदान धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का एक अद्वितीय उदाहरण है। नई पीढ़ी को इनके जीवन वृत्त से प्रेरणा लेनी चाहिये। इस अवसर पर स्कूली बच्चों व स्टाफ ने गुरू तेग बहादुर के चित्र पर पुष्पार्चन कर उन्हे नमन किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों व स्टाफ ने गुरू तेग बहादुर के चित्र पर पुष्पार्चन कर उन्हे नमन किया। विक्रम यादव, अरविंद चौधरी, राज बहादुर मौर्य, हरेंद्र शर्मा, अमोल त्रिपाठी, लीला सिंह, पूनम सिंह, जूही श्रीवास्तव, पल्लवी श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।







































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