जनता और सरकारी दफ्तरों के बीच दलालों को पनपने नही देंगे- जिलाधिकारी
दरअसल शासन का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी दफ्तरों में दलाल कतई नही दिखने चाहिये, अगर दिखे तो सम्बन्धित अफसर के विरूद्ध कार्यवाही तय है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने अभियान चलाकर जिले के तीनों तहसीलों के सरकारी विभागों में सक्रिय दलालों के खिलाफ एक्शन लिया है। प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार को सरकारी कार्यालयों में छापेमारी कर संदिग्धों को हिरासत लिया। डीएम महेंद्र सिंह तंवर के निर्देशन में एडीएम व ए एसपी के नेतृत्व में विभागों में अचानक हुई प्रशासन की छापेमारी से हडकंप मच गया। टीम ने एआरटीओ कार्यालय, उप निबन्धक कार्यालय और जिला अस्पताल में छापेमारी की।
पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। गुरुवार को डीएम के निर्देश पर एसडीएम उत्कर्ष श्रीवास्तव ने नायब तहसीलदार आनंद ओझा, सीओ केशवनाथ, एसओ रामकृपाल सिंह के साथ दोपहर में अचानक रजिस्ट्री कार्यालय में छापा मारा। छापा मारने की सूचना के बाद अगल-बगल के लोगों में हड़कंप मच गया। कुछ दलाल मौका पाकर भाग गए। उसके बाद में एसडीएम ने रजिस्ट्री कार्यालय के उपस्थित रजिस्टर को मंगाया। वहां मौजूद कर्मचारियों की उपस्थिति को देखा। इसके बाद सख्त हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में किसी भी तरह के बाहरी व्यक्ति दिखना नहीं चाहिए। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि इस प्रकार की सुधारात्मक कार्रवाई जारी रहेगी। जनता तथा कार्यालय के बीच किसी बिचौलिए को पनपने नही दिया जाएगा।
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