झाड़ियों में फेंक दिया नवजात को, पाप या लिंगभेद ?
Throwing a newborn in the bushes, sin or gender discrimination?
बस्ती 30 अगस्त। बदलते जमाने में मानवता और इंसानियत कदम कदम पर दम तोड़ती नजर आ रही है। ताजा मामला बस्ती जनपद के लालगंज थाना क्षेत्र के दशकोलवा गांव का है जहां एक निर्दयी कलियुगी मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को झाड़ियों में फेंक दिया। ग्रामीणों ने झाड़ियों में एक नवजात के होने की सूचना पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे महसों चौकी इंचार्ज ने नवजात बच्ची को झाड़ियों से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगो ने बताया की वह सुबह सड़क पर निकले तो झाडियों से बच्चे के रोने को आवाज सुनाई दी। लोगों ने देखा तो नवजात बच्ची थी। जिसके बाद लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी। मामले को लेकर इलाके के लोग तरह तरह की चर्चायें कर रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं किसी महिला ने अपना पाप छिपाने के लिये नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया तो कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि नवजात को बेटी होने की सजा मिली है।
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