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देवरिया: स्वास्थ्य शिविर में महज औपचारिकता निभा रहे कर्मचारी

देवरिया: स्वास्थ्य शिविर में महज औपचारिकता निभा रहे कर्मचारी Deoria: Employees performing mere formalities in health camp




देवरिया, ब्यूरो (ओपी श्रीवास्तव) 10 अगस्त। कुछ ही दिनों बाद देश को आजाद हुए सतहत्तर साल हो जाएंगे, लेकिन देश के सरकारी विभागों के कार्यप्रणाली में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। जिम्मेदारों की लापरवाही से सरकार की योजनाएं परवान नहीं चढ़ पाती है। इसकी एक बानगी देखिए। देवरिया जिले में स्वास्थ्य विभाग का हाल विशेष रूप से बदहाल है।


अभी कुछ ही दिन पहले राजकीय आश्रम पद्धति से संचालित एक इंटर कॉलेज के 80 से अधिक बच्चे बासी खाना खाने से बीते बीमार हो गए थे। अभी भी छह छात्र उपचार हेतु महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। आरोप है कि बच्चों के इलाज में लापरवाही की वजह से फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए बच्चों में से एक बच्चे की मौत हो गई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं पड़ा। स्वास्थ्य विभाग में किस तरीके से कार्य किया जाता है इसका जीता जागता नमूना शनिवार को दिखाई पड़ा। 


रेलवे विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को दोपहर में करीब 12ः00 बजे देवरिया सदर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी एक मेज कुर्सी लगाकर अपने विभागीय उत्तरदायित्व का निर्वहन कर रहे थे। लेकिन किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी ने अपना सूनिफार्म नहीं पहना था जिससे यह लग ही नहीं रहा था कि वे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं। यही नहीं जहां पर ये कर्मचारी बैठे थे वहां पर किसी प्रकार का कोई संकेतक या बैनर भी नहीं लगा था जिससे यह पता चले कि यहां पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दवा आदि लेकर रेल यात्रियों के स्वास्थ्य हेतु शिविर लगाकर बीमारियों का इलाज करने के लिए बैठे है। 


इस संबंध में देवरिया सदर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक संदीप भटनागर ने बताया कि करीब एक हफ्ते से यहां पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं लेकिन बैनर नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के इन कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी के दौरान ड्रेस भी नहीं पहना जाता है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश झा ने बताया कि रेलवे विभाग की जिम्मेदारी है कि वह बैनर लगवाती। यदि ऐसा है तो वह सोमवार से वहां पर एक बैनर लगवा देंगे तथा ड्यूटी करने वालों को हिदायत देंगे कि वह उचित पोशाक पहनकर के वहां ड्यूटी करें जिससे रेल यात्रियों को चिकित्सा सम्बन्धी अधिक से अधिक लाभ मिल सके। 


मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने यह भी कहा कि रेलवे पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मांग की गई थी जिसके आधार पर वहां ड्यूटी लगा दी गई है। इस मामले की गहराई में गये तो पता चला कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय देवरिया द्वारा 6 जुलाई को एक पत्र जारी किया गया है जिसमें मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने 6 जुलाई 2023 को कहा है कि पुलिस अधीक्षक रेलवे गोरखपुर के कार्यालय पत्र के क्रम में श्रवण मेला, कावड़ यात्रा के दौरान स्टेशन पर होने वाली भीड़ भाड़ को दृष्टिगत रखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत आर बी एस के (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीम की ड्यूटी देवरिया रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य शिविर हेतु लगाई जाती है। 


पत्र के नीचे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक देवरिया का हस्ताक्षर है तथा इसकी प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक रेलवे, स्टेशन अधीक्षक, नोडल अधिकारी आर बी एस के (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) सहित थाना प्रभारी जी आर पी को दी गई है। उपरोक्त मामले से स्पष्ट होता है कि केवल कागजों में ही चिकित्सा विभाग के द्वारा अधिकांशतः दावे किए जाते हैं जबकि हकीकत कुछ और ही होती है। देश हर घर तिरंगा का जश्न मना सकता है लेकिन हर घर स्वास्थ्य सेवा कब पहुंचेगी ? यह‌ भविष्य के गर्त में है।

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