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पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने उठाया सीएमओ के भ्रष्टाचार का मुद्दा

पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने उठाया सीएमओ के भ्रष्टाचार का मुद्दा Former MLA Sanjay Pratap Jaiswal raised the issue of corruption of CMO



बस्ती 8 अगस्त।
रूधौली के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मुख्य चिकित्साधिकारी, बस्ती द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए निकाले गये निविदा, स्वास्थ्य विभाग में नियुक्तियां एवं मनमाने ढंग से कर्मचारियों के प्रमोशन में किये गये व्यापक भ्रष्टाचार एवं अवैध वसूली, जिला चिकित्सालय बस्ती में तैनात आनन्द कुमार सिंह, वरिष्ठ सहायक और विधान सभा क्षेत्र 309 रुधौली के तहसील-भानपुर के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य भानुपर में तैनात अधीक्षक डॉ सचिन चौधरी के द्वारा किये जा रहे अनियमितताओं की जांच कराने के साथ उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का आग्रह किया है।


भेजे पत्र में पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि जिले के विभिन्न सीएचसी और पीएचसी पर रिवायरिंग के लिए बिना टेण्डर निविदा निकाले ही लगभग 55 लाख का भुगतान मुख्य चिकित्साधिकारी बस्ती द्वारा चहेते फर्म को कर दिया गया है, जो सरकारी धन का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, जनपद में  स्वास्थ्य महकमे में लगभग 183 नियुक्तिया की गयी है. जिसमे सीएमओ द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया, इतना ही नहीं सीएमओ ने ऐसी फर्म को नियुक्ति का टेंडर कर दिया जो पहले से ब्लैक लिस्टेड है। सीएमओ ने नियमों को दरकिनार कर भ्रष्टाचार के बल पर अपने चहेतों का प्रमोशन, कर दिया है। 


यह भी चर्चा है कि 5 से अधिक कर्मचारियों का प्रमोशन सीएमओ ने मनमानी तरीके से किया है। बस्ती के सी०एम०ओ० आया से अधिक सम्पत्ति अर्जित करके इलाहाबाद में अपना निजी मेडिकल कालेज बनवा रहे है। इनके द्वारा इलाहाबाद से दो लड़को को बुलाकर डूडा के माध्यम से संविदा पर नियुक्ति कराकर उनको ब्लक में हस्ताक्षर करके नोटिस का बंडल दे रखा उन लोगों को सुबह ही सरकार विभाग के वाहन से अवैध वसूली के लिए निकल जाते है। पत्र में कहा गया है कि सी०एम०ओ० बस्ती द्वारा अल्ट्रासाउंड, और एक्सरे सेंटर वाले से नवीकरण के नाम पर एक लाख रूपये तक की अवैध वसली करायी जा रही है। 


अथवा कागजों में फर्मासिस्ट और एल०टी० का तबादला धन उगाही के लिए कर दिया गया, फिर उन लोगों से मोटा लिफाफा लेकर यथावत वहीं तैनात कर दिया गया है। इनके द्वारा अपने कार्यालय एवं आवास पर भ्रष्टाचार की दुकान खोल रखी है। उनका अपने अधीनस्थ सी०एच०सी०, पी०एच०सी० के अधीक्षक एवं कार्यरत डाक्टरों पर कोई नियंत्रण नहीं है। वहां पर तैनात डाक्टरों द्वारा भी मरीजों का उत्पीड़न किया जा रहा है। मुख्यमंत्री को भेजे दूसरे पत्र में पूर्व विधायक ने कहा है कि  आनन्द कुमार सिंह, वरिष्ठ सहायक, जो वर्तमान में प्रमुख अधीक्षक जिला चिकित्सालय, जनपद बस्ती के अधीन कार्यरत हैं, के द्वारा मनमानी तरीके से निविदा करा कर, जेम पोर्टल से कूटनीतिक आदेश जारी कर एवं स्थानीय क्रय जो कि गोरखपुर से किया जा रहा हैं।


कार्यालय में जो भी कार्य कराया जायें सर्वप्रथम जेम पोर्टल के माध्यम से ही कराया जायें। जेम पोर्टल पर उपलब्ध न होने की दशा में ही सामान्य आदेश अथवा कोटेशन के माध्यम से ही कराया जायें। सरकार द्वारा जारी शासनादेशों को ताख पर रखते हुये आनन्द कुमार सिंह, वरिष्ठ सहायक के द्वारा अपने रिश्तेदारों को मनचाहे आदेश निर्गत कर प्रमुख अधीक्षक जिला चिकित्सालय, जनपद बस्ती के मिलीभगत से अवैध तरीके से शासन द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे धन का दुरूपयोग किया जा रहा हैं। पूर्व विधायक संजय प्रताप ने मुख्यमंत्री को भेजे तीसरे पत्र में कहा है कि बस्ती के विधान सभा क्षेत्र 309 रुधौली के तहसील भानपुर के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य भानुपर में तैनात अधीक्षक डा. सचिन चौधरी कई सालों से तैनात है इनके द्वारा मरीजों से दुर्व्यवहार किया जाता है। अस्पताल गेट सामने सभी दुकानों पर खुद की दवा रखवा कर पर्चे पर वही दवा लिखते एवं बेचवाते हैं। 


मरीजों के सभी जांच बाहर के फर्जी पैथालोजी पर करवाते है और कमीशन लेते हैं। महिला के गर्भाधान से लेकर प्रसव तक अल्ट्रा साउंड और बच्चे होने के बाद 5 से 6 हजार की दंवा बाहर से लिखकर बाहर से मगवाते है और बक्सीस के नाम पर 3 से 5 हजार पैसे लेते है। अस्पताल में 24 घण्टे बिजली देने के उद्देश्य से लगा जनरेटर भी नही चलता प्रतिदिन का 100 लीटर डीजल का पैसा भी कागज में दिखा कर बेच लिया जाता है। इनके द्वारा अस्पताल के मरम्मत के लिए आया सरकारी धन भी कागज में काम दिखा कर सारा पैसा निकाल लिया जा रहा है। पूर्व में इनका स्थानान्तरण भानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से कहीं दूसरी जगह स्थान्तरित कर दिया गया था परन्तु उच्च अधिकारियों के रहमों-करम द्वारा यहां पुनः यथा स्थान पर कार्यरत रहने दिया गया। उन्होने तीनों प्रकरणों में अनियमिताओं की जांच कराकर इनके ऊपर विभागीय कार्यवाही किये जाने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया है। 

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