बाबा के बलडोजर में सुप्रीम कोर्ट का ब्रेक Supreme Court breaks Baba's bulldozer
अदालत ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है, तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता। दरअसल जमीयत उलेमा ए हिंद ने बुलडोजर से हो रही कार्यवाही में धर्म विशेष को निशाना बनाये जाने के आरोपों के साथ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। सुप्रीम में इसी केस की सुनवाई हो रही थी। इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया आने के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है।
राहुल गांधी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, ’भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण ‘बुलडोज़र नीति’ पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है, बुलडोज़र के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है।’ उन्होंने कहा, बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोजर ने नागरिक अधिकारों को कुचलकर कानून को निरंतर अहंकार भरी चुनौती दी है। त्वरित न्याय की आड़ में भय का राज स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोज़र के पहियों के नीचे लोगों की घर-गृहस्थी खत्म हो जाती है।
इसी पोस्ट में राहुल ने आगे कहा, हम अपेक्षा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर बीजेपी सरकारों के इस लोकतंत्र विरोधी अभियान से नागरिकों की रक्षा करेगा. देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा, सत्ता की चाबुक से नहीं। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने देश में आपराधिक तत्वों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रुख की सराहना करते हुए मंगलवार को कहा कि अपराधियों के कर्मों की सजा उनके परिवार के सदस्यों और नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। मायावती ने सोशल मीडिया मंच ’एक्स’ पर इस मामले को लेकर सिलसिलेवार पोस्ट किए।
Post a Comment
0 Comments