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मीडियाकर्मियों के साथ एसपी के पीआरओ का व्यवहार ठीक नहीं

मीडियाकर्मियों के साथ एसपी के पीआरओ का व्यवहार ठीक नहीं 
SP's PRO's behavior with media persons is not good


देवरिया, ब्यूरो (ओपी श्रीवास्तव)। कुछ मीडिया कर्मियों ने विगत दिनों पुलिस अधीक्षक को सिंघम की उपाधि प्रदान करते हुए उनका काफी गुणगान किया था। लेकिन इन्हीं सिंघम साहब के अधीनस्थ काम करने वाले जन सम्पर्क अधिकारी (पी आर ओ) पुलिस अधीक्षक के मान सम्मान को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। मंगलवार को एक समाचार के बाबत पुलिस अधीक्षक से उनका वर्जन लेने के लिए जब संवाददाता पुलिस अधीक्षक से मिलने उनके कार्यालय पर गया तो मनबढ़ किस्म के पी आर ओ ने इस संवाददाता के साथ दुर्व्यवहार किया। 


पुलिस अधीक्षक से जब पी आर ओ की शिकायत की गई तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। दरअसल देवरिया जिले के भटनी थाना प्रभारी रणजीत सिंह भदौरिया ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए एक महिला के घर में रात में जबरन प्रवेश कर महिला को धमकी दी थी कि यदि महिला के पति ने जमानत नहीं करवाया तो वह महिला को चैन से नहीं रहने देगा तथा उसका घर बुलडोजर से ढहवाहा देगा। इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल हो हुअ जिसकी जांच पुलिस अधीक्षक ने भाटपार रानी के सी ओ को सौंपा।


मंगलवार को भाटपार रानी के सर्किल ऑफिसर से जब उक्त प्रकरण में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जांच में आरोपित थाना प्रभारी रणजीत सिंह भदौरिया को क्लीन चिट है और उनके ऊपर किसी प्रकार का मामला नहीं बनता है। सी ओ का कहना था कि इस प्रकरण में महिला ने किसी प्रकार के आरोप लगाने से लिखित रूप में इंकार कर दिया है। लेकिन जब इसी प्रसंग में पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा से पूछा गया तो पुलिस अधीक्षक का कहना था कि अभी जांच चल रही है। जांच पूरी होने पर ही वह कुछ कह सकते हैं। सवाल यह है कि सी ओ कहता है कि जांच पूरी हो चुकी है और एस पी कहते हैं जांच चल रही है। किसकी बातों पर विश्वास किया जाए ?


दरअसल मामला यह है कि देवरिया जिले के भटनी पुलिस थाना प्रभारी रणजीत सिंह भदौरिया पर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भरौली में थाना पुलिस द्वारा की गई एक कार्रवाई पर सवालिया निशान लगे। इस संबंध एक वायरल वीडियो में वह आरोपी के परिवार की महिलाओं को धमकाते नजर आ रहे हैं। उनसे कह रहे हैं- बेहया हो क्या? हम तेरे बाप के गुलाम हैं क्या? 

तेरे बाप का दिया खाते हैं क्या? जब तुझे पता है कि तेरा आदमी मुल्जिम है तो वह कोर्ट में क्यों हाजिर नहीं हुआ। सूत्रों के अनुसार हत्या के प्रयास के एक आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की एक टीम प्रभारी निरीक्षक रणजीत सिंह भदौरिया के नेतृत्व में कुछ दिन पूर्व रात में गांव में दबिश देने गई थी। 


आरोप है कि इस दौरान प्रभारी निरीक्षक ने आरोपी की पत्नी और अन्य महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। छोटे बच्चों को भद्दी भद्दी गालियां दी। यही नहीं वह बिना महिला पुलिस कर्मी के और बिना सर्च वारंट के ही महिला के कमरे में रात घुस गए और धमकी देते हुए आरोपी को न्यायालय में पेश नहीं करने पर मकान को बुलडोजर से ढहाने की चेतावनी दे दी। बताया जा रहा है कि घटना के दौरान महिला के बुजुर्ग ससुर ने बीच बचाव करने की कोशिश की, लेकिन प्रभारी निरीक्षक ने उनके साथ गाली-गलौज की और उन्हें मार पीटकर पुलिस की गाड़ी में बैठा लिया। जबकि बुजुर्ग की इस मामले में न्यायालय से जमानत हो चुका है।


कहानी यह है कि ज़िले के भटनी थाना क्षेत्र के भरौली गांव में बीते लोकसभा चुनाव के दौरान दो परिवारों में मारपीट हो गई थी। पुलिस ने चार आरोपियों पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया। मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जो जमानत के बाद घर पर है। एक आरोपी की तीन महीने बाद भी गिरफ्तारी नही हो सकी है। कहा जाता है कि वीडियो रिकॉर्डिंग में थानेदार ने महिलाओं से कहा है कि ’मैं तुम्हारे बाप का नौकर नही हूं और ना ही तुम्हारे बाप का दिया खाता हूं। 


आगे कहा कि पति को बोल दो जमानत करा लें नही तो मकान को बुलडोजर से ढहा दूंगा। इसके अलावा महिला को बुरा भला कहने लगते है। पुलिस की इस करतूत को परिवार के किसी सदस्य ने अपने मोबाइल में कैद कर वायरल कर दिया। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक रणजीत सिंह भदौरिया ने कहा था कि हत्या के प्रयास के आरोपी को गिरफ्तार करने पुलिस टीम गई थी। इस दौरान किसी ने वीडियो बनाया है। उन्होंने कहा था कि डराना धमकाना यह ड्यूटी का हिस्सा है कड़ाई करने पर ही आरोपी न्यायालय में हाजिर होते है। लेकिन इस संबंध में क्षेत्राधिकारी भाटपाररानी शिव प्रताप सिंह की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं ?

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