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बीमा के नाम पर धोखाधड़ी, दिल्ली में फर्जी का लेंटर के जरिये होती थी ठगी, पुलिस ने किया खुलासा

बीमा के नाम पर धोखाधड़ी, दिल्ली में फर्जी का लेंटर के जरिये होती थी ठगी, पुलिस ने किया खुलासा Fraud in the name of insurance, fraud was done through fake lenders in Delhi, police revealed

राज्य संवाददाता, दिल्ली (ओ पी श्रीवास्तव)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों का बीमा करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले जालसाजो का गिरोह यहां पिछले कई वर्षों से कार्यरत होकर आम लोगों के साथ ठगी कर रहा था। यह फर्जी गिरोह लोगों को उनकी कार का बीमा करने के नाम पर उनसे संपर्क करता था और फर्जी बीमा कागज़ देकर बीमा की रकम को लेकर गायब हो जाता था। 


इस टीम में दो युवकों सहित 10 लड़कियां भी कॉल सेंटर के जरिए ठगी के गिरोह का संचालन करती थी। लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस संगठन में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है और इन आरोपियों के पास से 18 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, 4 फर्जी ईमेल आईडी और कार मालिकों का 1240 पेज का डाटा बरामद किया है। जानकारी देते हुए डी सी पी उत्तरी राजा बांठिया ने बताया कि गिरफ्तार युवकों की पहचान निहाल खान उर्फ मयंक और दीपू के रूप में हुई है। 


उक्त संबंध में डीसीपी ने सोमवार को बताया कि बीते 5 अक्टूबर को शिवम नाम के एक युवक ने बुराड़ी थाने में ₹12000 की ठगी की एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित ने जानकारी दिया था कि वह जून में अपनी कार का बीमा करने के लिए ऑनलाइन प्रयास कर रहा था कि इसी दौरान एक मोबाइल फोन से उसके पास कॉल आई और कम कीमत पर कार का बीमा करने का लालच दिया गया। पीड़ित के अनुसार मयंक नामक व्यक्ति ने उसके पास कई बार टेलीफोन किया और ₹12000 बीमा करने के नाम पर वसूल लिया। 


डीसीपी के अनुसार इस गिरोह को पकड़ने के लिए गठित की गई। पुलिस ने आरोपियों के नंबर को सर्विलांस पर लगाकर द्वारका मोड़ स्टेशन के नजदीक एक बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर छापा मार कर दस लड़कियों और दो व्यक्तियों को पकड़ लिया। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने जानकारी दी है कि इस तरह से लगभग 50 लोगों को वह धोखा देकर ठगी का काम कर चुके हैं। पुलिस के अनुसार यह गिरोह बिहार और झारखंड से फर्जी कागजातों के आधार पर सिम कार्ड लेते थे और लोगों को ठगने के बाद इन सिम कार्ड को नष्ट कर देते थे जिससे इन लोगों के पास पुलिस का पहुंच पाना मुश्किल रहता था।

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