पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी को उनके छठवी पुण्य तिथि पर संकल्पों के साथ याद किया गया Pandit Surya Narayan Chaturvedi remembered with resolutions on his sixth death anniversary
एकेडमी के कार्यकारी निदेशक संजीव पाण्डेय ने कहा कि महुली स्थित एक निजी विद्यालय मे अध्यापन कार्य करने वाले पं सूर्य नारायण चतुर्वेदी ने जब समाज के पिछड़ेपन को भीतर से महसूस किया तो शिक्षा का अभाव सबसे बड़ा कारण बन कर उभरा। अपने पैतृक गांव के पास बाबा पर्वत नाथ इण्टर कालेज की स्थापना करके अपने खून पसीने से इस शैक्षणिक पौध को वट वृक्ष बनाने का संकल्प लिया। उनकी कर्तव्यनिष्ठा, जुनून और शिक्षा की इस ज्योति को मशाल बनाने के हौसले ने पूर्वांचल मे एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया कि समाज मे उन्हे पूर्वांचल के मालवीय की उपाधि मिलने लगी।
प्रधानाचार्य सानू एन्टोनी ने कहा कि इच्छाशक्ति, कर्तव्यनिष्ठा की बदौलत पूर्वांचल में अपनी अलग पहचान बनाने वाले पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी का 2018 में देहावसन हो गया। पं. चतुर्वेदी कभी पीछे मुड़कर नही देखा और लगभग संतकबीरनगर जिले में तीन दर्जन से अधिक उच्च शिक्षण संस्थान उनके द्वारा स्थापित किये गये जिसमें बी.ए., बी.काम., बी.एस.सी., एम.ए., एम. काम., एम.एस.सी., बी.एड., बी.पी.एड., बी.टी.सी., एम.एड. आदि पाठक्रमो की पढ़ाई हो रही है जिससे जिले के ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल के युवा लाभान्वित हो रहे है। कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र यदुवंशी जीत ने किया।
पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में सुमन दूबे, रेखा श्रीवास्तव, पूनम गुप्ता, प्रमिला शुक्ला, श्वेता त्रिपाठी, नीलम श्रीवास्तव, निशु उपाध्याय, शालिनी श्रीवास्तव,अन्नू, सुष्मिता मन्ना, सुष्मिता पाण्डेय, नेहा अबरोल, आकृति पाण्डेय, सौम्या पाण्डेय,जानवी शुक्ला, दीपांजलि, रीना पाण्डेय, नैन्सी वर्मा, आकृति साहू, आकृति पाण्डेय,तहजीब फातिमा, अर्चना पटेल,अर्चना द्विवेदी, रूपा जायसवाल, सुषमा गुप्ता, हर्षिका शुक्ला, फातिमा सिद्दीकी, रजनी श्रीवास्तव, फरहत फातिमा, शहनाज यूनुस, नलिनी गुप्ता, ज्योति पाण्डेय, माया सिंह, मनीषा गुप्ता, प्रभा त्रिपाठी, श्रद्धा पाण्डेय, शालिनी श्रीवास्तव, विकास कुमार चतुर्वेदी अभय कुमार पाण्डेय सहित अनेक शिक्षक शिक्षिकाएं और छात्र मौजूद रहे। कार्यक्रम के आरम्भ में उपस्थित लोगों ने पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी के चित्र पर पुष्पार्चन कर उन्हें नमन् किया। नवरात्रि के प्रथम दिन शिक्षक, शिक्षिकाओं को फलाहार कराया गया।


























































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