थम नही रहा है आप सरकार और एलजी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर The round of allegations and counter allegations between AAP government and LG is not stopping
जबकि नियमानुसार निर्माण के पूर्व यह जरूरी होता है। अभी तक एमसीडी की तरफ से कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं जारी किया गया है। उप राज्यपाल भवन के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जब तक एमसीडी से कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता है तब तक यह पूरा बगला अवैध माना जाएगा। उप राज्यपाल सचिवालय द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति हेतु सीधे, सज्जन और दिल्ली वासियों के लिए सदैव तत्पर रहने वाले उप राज्यपाल वी के सक्सेना पर आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से अशोभनीय एवं आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं।
जबकि मुख्यमंत्री आवास को खाली करने या नहीं करने के संबंध में उप राज्यपाल का न तो कोई लेना-देना और ना ही किसी प्रकार की कोई भूमिका है। उप राज्यपाल सचिवालय के सूत्रों का यह भी कहना है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पूर्ववर्ती आवास 6, फ्लैग स्टाफ, दिल्ली की चाबी और कब्जा बीते 9 अक्टूबर को लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया था। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा मानदंडों के अनुरूप 10 अक्टूबर को सभी सामानों की सूची तैयार की गई थी।
अगले दिन यानी 11 अक्टूबर को इस आवास को उनके उत्तराधिकारी मुख्यमंत्री अतिशी को आवंटन कर दिया गया था। राज भवन के सूत्रों ने कहा कि उपराज्यपाल पर अभद्र टिप्पणी किए जाने से देश के लोगों में एक गलत संदेश गया है और उप राज्यपाल की छवि धूमिल हुई है। राज भवन के आधिकारिक सूत्रों का यह भी कहना है कि राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अभद्र टिप्पणी की है। जिसको लेकर राज्य भवन गम्भीर हो गया है। जबकि आम आदमी पार्टी के लोग अच्छी तरह से जानते हैं की आवास को खाली करने या आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने से उप राज्यपाल का कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोई लेना-देना नहीं बनता है।
उप राज्यपाल सचिवालय के सूत्रों ने दावा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा था कि वह सड़कों पर बैठकर काम करेंगी, क्योंकि उनके पास कोई आवास नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि उनके पास एक बंगला 17, ए बी, मथुरा रोड, दिल्ली, सरकारी आवास के रूप में आवंटित है। इसके अलावा भी उनके पास एक अन्य सरकारी आवास आईटीओ स्थित दिल्ली सचिवालय में भी है। इस प्रकार ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच नोंक झोंक जल्दी समाप्त होने वाला नहीं है।
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