गोरखपुर में 10 हजार रू. रिश्वत लेते महिला दरोगा को एण्टी करप्शन टीम ने पकड़ा Anti-corruption team caught a woman inspector taking a bribe of Rs 10,000 in Gorakhpur
गोरखपुर, उ.प्र.। ऐसा माना जाता है कि राजनीति और सरकारी सेवा में महिलाओं को अवसर मिले तो भ्रष्टाचार स्वतः काफी हद तक कम हो जायेंगे। यह मान्यता है कि मलियें पुरूषों से ज्यादा कर्मठ और इमानदार होती हैं। लेकिन गोरखपुर में तैनात एक महिला दरोगा ने लोगों की इस धारणा को चोट पहुंचाई है। आरोपी प्रशिक्षु महिला दरोगा अंकिता पांडेय पिपराइच थाने में तैनात थी। वह रिश्वत लेते पकड़ी गई। वो एक मां और बेटे से केस के विवेचना से नाम हटाने के लिए 10 हजार रुपए घूस ले रही थी।
तभी एंटी करेप्शन की टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। वो एक केस से मां और बेटे से 10 हजार रुपए मांग रही थी। परेशान होकर परिवार के लोगों ने एंटी करप्शन थाने में शिकायत दर्ज कराई। शुक्रवार को रुपये लेने के दौरान महिला दरोगा के साथ दो सिपाही भी थे जो टीम के घेराबंदी करने पर चकमा देकर फरार हो गए। बताया गया कि पिपराइच के बेला कांटा गांव की रहने वाली उर्मिला देवी पत्नी गोरख निषाद और उनके परिवार के खिलाफ 27 सितंबर 2024 पट्टीदारों ने मारपीट करने का केस दर्ज कराया था।
विवेचना पिपराइच थाने में तैनात बिहार के भोजपुर जिले की रहने वाली प्रशिक्षा महिला दारोगा अंकिता पांडेय को मिली थी। उर्मिला का आरोप है कि पति गोरख, बेटे तूफानी और बेटी घटना में शामिल नहीं थे। इसका प्रमाण देने के बाद भी महिला दरोगा अंकिता पांडेय केस से नाम निकालने के लिए 10 हजार रुपये मांग रही थीं। इसकी शिकायत उन्होंने अपने अधिवक्ता के साथ एंटी करप्शन थाने में जाकर की। टीम ने छानबीन की तो मामला सही पाया। शुक्रवार की शाम 4 बजे उर्मिला और उनके बेटे तूफानी ने महिला दारोगा से फोन पर बातचीत कर केस के संबंध में मिलने के लिए समय मांगा तो उन्होंने बेला कांटा पिकेट पर बुलाया। यहां पहुंचने पर उन्होंने जैसे ही 10 हजार रुपये का पैकेट दिया पहले से खड़ी एंटी करप्शन की टीम ने दबोच लिया।
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