वाराणसी जेल में बंद कैदी की मौत, परिजनों ने दरोगा के मारा थप्पड़
Prisoner dies in Varanasi jail, family slapped by sub-inspector
यूपी डेस्कः वाराणसी जेल में दहेज हत्या मामले में बंद कैदी मुकुल जायसवाल की मौत हो गई। पुलिस ने बॉडी को पंडित दीन दयाल अस्पताल के मॉर्च्युरी पहुंचाया और बॉडी को लॉक करके चले गए। इसकी खबर मिलते ही कैदी के घर वाले मॉर्च्युरी पहुंच गए। वहां पुलिस और कैदी के परिजनों की बहस हो गई। बात बढ़ी, तो एक परिजन ने चौकी इंचार्ज का बाल पकड़कर उसे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया।
इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लोग दरोगा से मारपीट करते दिख रहे हैं। मामला सामने आने के बाद आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी से दरोगा के खिलाफ कार्रवाई करने की मां की है। मुकुल जायसवाल जंसा इलाके के बेसहुपुर, गोसाईपुर में रहता है। उसकी शादी 12 दिसंबर, 2019 को मडुआडीह के तुलसीपुर में रहने वाली वंदना जायसवाल से हुई थी। करीब 6 महीने बाद ही 26 जून, 2020 को वंदना ने घर में फांसी लगा ली।
मायके वालों की शिकायत पर जंसा पुलिस ने मुकुल जायसवाल, उसके पिता श्यामसुंदर जायसवाल, मां शिवकुमारी और छोटे भाई अतुल को जेल भेज दिया था। 2 साल बाद छोटे भाई और माता-पिता की जमानत हो गई थी। लेकिन, मुकुल जायसवाल की जमानत नहीं हुई और वह जेल में ही बंद था। बताया गया कि चौकाघाट जिला कारागार में शनिवार को मुकुल की अचानक तबीयत बिगड़ गई। सुबह 10 बजे उसको जेल के अस्पताल में एडमिट कराया गया। हार्ट अटैक की संभावना होने की वजह से मुकुल को जिला अस्पताल लाया गया। यहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। आरोप है कि पुलिस ने इलाज में लापरवाही दिखाई।
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