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प्रशासन की मिलीभगत से हस्त शिल्प मेले में मची लूट

प्रशासन की मिलीभगत से हस्त शिल्प मेले में मची लूट
There was looting in the handicraft fair with the connivance of the administration

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संवाददाता, (ओ पी श्रीवास्तव)। उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर जिला गौतम बुद्ध नगर के नोएडा में हाट एवं शिल्प ग्राम में आयोजित तीन दिवसीय हस्त शिल्प मेले में सैकड़ो की संख्या में स्टाल लगाए गए हैं जिनमें विभिन्न प्रकार के उत्पाद आम लोगों के बिक्री एवं प्रदर्शन हेतु रखे गये है। इसमें खाने-पीने का सामान, वस्त्र, चीनी मिट्टी के उत्पाद आदि शामिल हैं। 



शनिवार को प्रदर्शनी का दूसरा दिन था जिसमें जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने भी प्रतिभाग किया। लेकिन स्टाल के माध्यम से बिक्री होने वाले वस्तुओं पर कोई मूल्य एवं नियम आदि लागू नहीं हो रहा है। इससे लोगों का आर्थिक एवं मानसिक शोषण हो रहा है। उल्लेखनीय है कि चौबीस जनवरी से लेकर छब्बीस जनवरी तक चलने वाले इस तीन दिवसीय हस्त शिल्प प्रदर्शनी एवं मेले का उद्घाटन जिले के प्रभारी मंत्री ब्रजेश सिंह ने शुक्रवार को किया है। इस हस्त शिल्प प्रदर्शनी में आई कुछ पढ़ी लिखी अच्छे घर की महिलाओं ने अपना नाम प्रकाशित नही किए जाने की शर्त पर शनिवार को संवाददाता को बताया कि मेले में अच्छे तरीके से वस्तुओं को प्रदर्शित करते हुए प्रचार-प्रसार एवं उसके विक्रय का कार्य किया जा रहा है जो सराहनीय है। 


लेकिन किसी भी वस्तु पर उसका मूल्य अंकित नहीं है और ना ही खरीददारों को उसकी कोई रसीद दी जा रही है। एक महिला ने बताया कि उसने नमकीन पापड़ आदि के स्टाल से नमकीन का एक पेकेट ख़रीदा है जिसकी कीमत दुकानदार ने दो सौ रूपए वसूला। लेकिन किसी प्रकार की रसीद देना तो दूर पेकेट पर ना ही वज़न लिखा था और ना ही मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट लिखा है। नमकीन की निर्माता कम्पनी कौन है यह भी पैकेट पर अंकित नहीं है। महिला का कहना था कि जब उसने दुकानदार से इस बारे में पूछा तो दकानदार  बदतमीजी पर उतर गया और अपमानित करते हुए कहा कि लेना है तो लो वरना यहां से चली जाओ। 


महिला ने आश्चर्य व्यक्त किया कि हस्तशिल्प मेला मे इस गैर कनूनी तरीके से खाद्य पदार्थ की बिक्री जिला प्रशासन के नीति और नीयत पर सवाल उत्पन्न करते है। इसी तरह से एक और महिला का कहना था कि उसने एक दुकानदार से ₹1000/- का चादर खरीद है। लेकिन उस दुकानदार ने भी उसे कोई रसीद नहीं दी है और यह भी नहीं पता चल पा रहा है कि वह कहां का उत्पाद बेच रहा है। इस संबंध में नोएडा प्राधिकरण के ए सी ई ओ सतीश पाल से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वाकई यह बहुत गंभीर मामला है। यदि नमकीन के पैकेट पर एक्सपायरी डेट, मैन्युफैक्चरिंग डेट, वजन, आदि नहीं अंकित है और यदि संयोगवश इसके सेवन से लोगों को फूड प्वाइजनिंग हो जाए तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि वह तत्काल इस संबंध में जिलाधिकारी को प्रकरण से अवगत कराते हुए फ़ूड डिपार्टमेंट से कार्रवाई करने के लिए बात करेंगे।

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