जीवन की विकृतियों को दूर कर देती है कथा-सर्वेश्वर शरण
बस्ती, 08 फरवरी। सदर विकास क्षेत्र के गांव रक्सा में केदारनाथ यादव के निज निवास पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन श्री धाम वृंदावन से पधारे आचार्य श्री सर्वेश्वर शरण ने कहा कि सनातन धर्म केवल एक धर्म ही नहीं है बल्कि मानव जीवन की उच्चतम जीवन शैली है। सनातन धर्म ने हमेशा संपूर्ण विश्व के सर्वांगीण विकास की बात कही है।
सनातन धर्म में नदियों को भी माता का दर्जा दिया गया है। संसार में अगर पवित्र नदियां नहीं होगी तो मानव जीवन खतरे में आ जाएगा। यहां वृक्षों को देवता मानकर पूजा की है। मानव जीवन के लिए पृथ्वी का हरा-भरा होना बहुत आवश्यक है। सनातन धर्म हर जीव पर एवं प्रत्येक पशु पक्षी पर दया करने का संदेश देता है। भगवान ने इस दुनिया में हर प्राणी को जीने का समान अधिकार दिया है चाहे वह मानव हो या कोई पशु या पक्षी हो। हमें किसी भी जीव की हत्या नहीं करनी चाहिए।
समाज में फैली हुई अनेक विकृतियों की चर्चा करते हुए कथा प्रवक्ता ने कहा की भागवत कथा सुनने से मानव जीवन की सभी विकृतियों दूर हो जाती हैं। भगवान कृष्ण ने गीता में अर्जुन को उपदेश देते हुए कहा मैं धन, बल, बुद्धि, पद, प्रतिष्ठा आदि से प्रसन्न नहीं होता। कोई मानव यदि मुझे पाना चाहता है तो बस भाव से ही पा सकता है। सुदामा जैसे नितांत एक गरीब ब्राह्मण को भगवान ने अपने हृदय से लगाकर अपने राज्य सिंहासन पर बिठाया और इतना प्रेम दिया कि अपने अश्रु जल से सुदामा जी के चरणों का प्रक्षालन किया। भगवान कृष्ण के 16108 विवाह की कथा, सुदामा चरित्र, 24 गुरुओं की कथा एवं श्री सुखदेव विदाई के साथकथा का विश्राम हुआ। कथा के मुख्य आयोजक केदारनाथ यादव जी ने बताया कि 9 तारीख को हवन एवं भंडारे के साथ कथा का विश्राम होगा।
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