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तीन साल से बस्ती में कांग्रेस को नही मिल रहा है जिलाध्यक्ष

 


तीन साल से बस्ती में कांग्रेस को नही मिल रहा है जिलाध्यक्ष
Congress has not been able to find a district president in Basti for three years
बस्ती, 20 फरवरी।
देश की राजधानी दिल्ली से लेकर सभी प्रदेशों, जिलों और ब्लाक मुख्यालयों पर मजबूत संगठन का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी को बस्ती में 3 साल से जिलाध्यक्ष नही मिल रहा है। कई पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके अंकुर वर्मा ने 21 मई 2021 से इस्तीफा दे दिया। करीब दो साल तक जिलाध्यक्ष का पद रिक्त रहा। 


इस बीच पार्टी में अपनी पहचान रखने वाले पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर अपनी हाजिरी लगाते रहे। फिलहाल अप्रैल 2023 में ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। तब से लेकर दिसम्बर 2024 तक वे कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बने रहे। इनके कार्यकाल में कांग्रेस काफी मजबूत हुई। कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निर्देश पर उत्तर प्रदेश की सभी कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। 


6 महीने से बगैर पदाधिकारी पार्टी कार्यक्रम आयोजित कर रही है। लेकिन पार्टी जनता की आवाज नही बन पा रही है। चुनाव निकट आते ही पार्टी नेतृत्व बडी़ बड़ी बातें करता है, लेकिन जमीनी स्तर पर पार्टी का होमवर्क बेहद कमजोर है। यही कारण है कि तमाम प्रयास बेनतीजा हो रहे हैं। पार्टी गुटबंदी की भी शिकार है। कई बड़े नेता चौकड़ी मारकर बैठे हैं, उनकी वजह से नये चेहरे सामने नही आ रहे हैं और पार्टी को पुराने नताओं के दकियानूसी खयालों का बोझ उठाना पड़ रहा है। देश की जनता सत्ता परिवर्तन चाहती है लेकिन कांग्रेस को विकल्प मानने को तैयार नही है और न कांग्रेस की तैयारी उस स्तर की है। अब तो लोग कहने लगे हैं कि कांग्रेस को खत्म करने के लिये किसी दल की जरूरत नही है वह खुद अपने को धीरे धीरे खत्म कर रही है।

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