संवैधानिक संस्थाओं को गुलाम बनाकर रखा है सरकार ने, संविधान बचाओ रैली में गरजेंगे दिग्गज कांग्रेसी
बस्ती, 27 अप्रैल। भारत सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को गुलाम बनाकर रखा है। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स जैसी संस्थाओं का उपयोग सीमित उद्देश्यों के लिये किया जा रहा है। सरकार की इस मनमानी का जनता ने मुंहतोड़ जवाब नही दिया तो सरकार जनता के बोलने पर भी पाबंदी लगा देगी। यह बातें कांग्रेस पार्टी के प्रदश उपाध्यक्ष केशवचन्द यादव ने प्रेस वार्ता में कही।
वे पार्टी यहां पार्टी दफ्तर पर प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कभी संविधान का सम्मान नही किया। संविधान को रौंदकर सरकार अपनी विचारधारा और अपना एजेंडा जनत के ऊपर थोपना चाहती है। संविधान को बचाने और संवैधानिक परंपराओं को जीवित रखने के लिये कांग्रेस सड़ से लेकर सदन तक संघर्ष कर रही है। बस्ती में प्रदेश स्तरीय संविधान बंचाओ रैली के आयोजन का उद्देश्य यूपी की जनता को जागरूक करना है कि अब कांग्रेस के साथ खड़े होने का वक्त आ गया है। वरना न देश बंचेगा और और देश का संविधान। उन्होने रैली को सफल बनाने की आमजन से अपील किया।
पूर्व विधायक अंबिका सिंह ने कहा नेशनल हेराल्ड मामले को फिर से उठाकर भाजपा ने पूरे देश में यह संदेश दिया है कि उसके लिये बदले की भावना सर्वोपरि है। राहुल गांधी निडर होकर चट्टान की तरह खड़े हैं और एक तानाशाह का सामना कर रहे हैं। मनमोहन सिंह ने जहां देश को ले जाकर छोड़ा था हम आज भी वहीं खड़े हैं। फर्क बस इतना है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार में भाजपा का एजेंडा संविधान पर भारी है और मोहब्बत और आपसी भाईचारे पर नफरत भारी है। नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नही थे तब मनमोहन सिंह से सवाल पूछते थे, आज देश की जनता उनसे सवाल पूछ रही है। लेकिन नरेन्द्र मोदी चुप हैं।
पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देने के लिये जब सर्वदलीय बैठक बुलाई गई तो मोदी उसमे शामिल नही हुये और बिहार में जनसभा कर पाकिस्तान को नेस्तनाबूत करने की धमकी दे रहे थे। देश की जनता को अब समझ आ गया है कि देश किनके हाथों में सुरक्षित है। कांग्रेस नेता बसंत चौधरी ने आम जनता से संविधान बचाओ रैली में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील किया। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ चौधरी, पूर्व अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, मो. रफीक खां, गंगा प्रसाद मिश्रा, वाहिद अली सिद्धीकी, संदीप श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मिश्रा, आदित्य त्रिपाठी, डा. मारूफ अली आदि मौजूद रहे।
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