बेटे पर दुष्कर्म का फर्जी आरोप बर्दाश्त नही कर पाया पिता, जान दे दी
यूपी डेस्कः कौशाम्बी के सैनी थाना क्षेत्र के लोहदा गांव में बाबूलाल तिवारी की जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। मामले में गुरुवार शाम करीब 5 बजे पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाराज परिजन और ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। उन्होंने गांव के मोड़ पर शव रखकर प्रयागराज-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया।
जाम की सूचना पर पहुंचे एएसपी के साथ प्रदर्शनकारियों ने बदसलूकी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस कार्रवाई में कई लोग घायल हुए। पुलिस ने एएसपी से दुर्व्यवहार के आरोप में एक अधिवक्ता, उनकी पत्नी और एक अन्य महिला को हिरासत में ले लिया है। अन्य उपद्रवियों की तलाश जारी है। राष्ट्रीय राजमार्ग करीब 45 मिनट तक पूरी तरह से बाधित रहा। पोस्टमार्टम के बाद जब शव गांव पहुंचा, तो सवर्ण आर्मी के सैकड़ों सदस्यों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया।
प्रशासन ने पहले से ही एक प्लाटून पीएसी तैनात कर रखी थी और कई थानों की पुलिस फोर्स भी मौजूद थी। एएसपी राजेश सिंह ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस टीम पर लोहे के रॉड से हमला कर दिया। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। इसके बाद शव को ले जाकर अंतिम संस्कार करा दिया गया। सिराथू एसआई नीतेश त्रिपाठी की शिकायत पर पुलिस ने अभिषेक पांडेय, अक्षय तिवारी, आशीष कुमार तिवारी, कुशल कुमार तिवारी समेत 10 लोगों को नामजद किया है। एसपी कौशांबी राजेश कुमार के अनुसार, अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। मृतक ने सुसाइड नोट में प्रधान को जिम्मेदार ठहराया है। आरोप है कि प्रधान व उसके भाइयों ने उसे जहर दे दिया। बताया जा रहा है हफ्ते भर पहले प्रधान ने एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास दिलाने का लालच देकर उसकी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म का आरोप लगाकर रामबाबू के बेटे धन्नू तिवारी को जेल भेजवा दिया था। मामले में सुलह-समझौता कराने के लिए 20 लाख रुपये की मांग कर रहा था।
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