बस्ती के बसहवा में मुख्यमंत्री ने किया सरस्वती शिशु मंदिर की नई शाखा का शिलान्यास
बस्ती, 10 सितम्बर। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आज सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामबाग बस्ती की नई शाखा सरस्वती विद्या मंदिर, बसहवा का शिलान्यास किया। ज्ञात हो कि सरस्वती विद्या मंदिर में बढ़ती हुई छात्र संख्या को देखते हुए विद्या भारती के अधिकारियों और विद्यालय प्रबंध समिति ने निर्णय लिया था कि शहर के कोलाहल से दूर नए विद्यालय की स्थापना की जाए।
इसी के दृष्टिगत बसहवा में जमीन क्रय की गई, जिस पर विद्यालय के नए भवन के निर्माण हेतु आज प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया। विद्यालय के घोषदल द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। उनके आयोजन स्थल पर पहुंचते ही भारत माता की जय से पूरा पंडाल गूंज उठा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हरिशंकरी पौधे का रोपण भी किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह द्वारा मंचासीन अतिथियों का परिचय कराते हुये उनका स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री ने विद्या भारती की चर्चा करते हुए विद्यालय के नवीन परिसर की आवश्यकता के बारे में प्रकाश डाला और कहा कि भारतीय पद्धति के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है। तत्कालीन सरकारों ने शिक्षा के लिए कोई विशेष प्रबंध नहीं किया। सरकार की मर्जी, वह शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करें ना करें, भारतीयता के प्रति अनुराग रखने वाले लोगों के माध्यम से सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। गोरखपुर में पहला सरस्वती शिशु मंदिर 1952 ईस्वी में स्थापित हुआ था। उसमें छात्रों की संख्या मात्र पांच थी।
आज 12000 से भी अधिक केवल सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर स्थापित हो चुके हैं जो भारत को सुयोग्य नागरिक देने की जिम्म्ेदारी निभा रहे हैं। यही कारण है सरस्वती शिशु मंदिर से निकले हुए छात्र आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समाज को नेतृत्व भी दे रहे हैं, समाज का मार्गदर्शन भी कर रहे हैं, समाज को एक नई गति देकर प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प के साथ जुड़े हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी देश शक्तिशाली हो, समर्थ हो, आत्मनिर्भर हो, इसकी शुरुआत होती है शिक्षा से।
दुनिया के अंदर जब समृद्धि की चर्चा होती है और उनके द्वारा जो पैरामीटर तय होते हैं, उसमें सबसे पहला पैरामीटर शिक्षा का है। शिक्षा कैसी होनी चाहिए, शिक्षा के पीछे का उद्देश्य क्या होना चाहिए, शिक्षा के बाद स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाती है, स्वास्थ्य के बाद कृषि और जन संसाधन को प्राथमिकता दी जाती है। कौशल विकास को इसके साथ जोड़ा जाता है और फिर पर्यावरण को ध्यान में रख करके सरकार नीतियां बनाती है। हम तभी समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल एक विद्यालय के भूमि पूजन का और शिलान्यास का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि विद्या भारती द्वारा भारत में सुयोग्य नागरिक तैयार करने का एक नया केंद्र विकसित हो रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार और अपनी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा भी की। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में मोदी जी के पंच प्रण, विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता तथा नागरिकों के कर्तव्य की याद भी दिलाई और मोदी सरकार के 25 वर्षों के दूरदर्शी विजन के बारे में बताया। विद्यालय के प्रबंधक डॉ. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने सभी आगतुकों के प्रति आभार ज्ञापन किया। शांति मंत्र के साथ इस भव्य कार्यक्रम का समापन हुआ।
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