अशोक श्रीवास्तव की समीक्षाः सच्चाई दिखाने वाले पत्रकार निशाने पर
Review by Ashok Srivastava: Journalists who show the truth on target
अशोक श्रीवास्तव की समीक्षाः उत्तर प्रदेश के ललितपुर से 36 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। इस वीडियो में पत्रकार गौशाला के बदतर हालात दिखा रहा है। वीडियो चल रहा होता है तभी पीछे से पत्रकार को कुछ महिलाएं और पुरुष दौड़ा लेते हैं। गौशाला की खामियां दिखाने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय ललितपुर जिला प्रशासन ने पत्रकार के ऊपर एससीएसटी समेत 8 गभीर धाराओं में मुकदमा ठोंक दिया। पत्रकार देवेन्द्र कौशिक को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। महिलाओं को आगे कर उनके ऊपर हमला कराया गया।
पूरी घटना का वीडियो साक्ष्य के रूप में मौजूद है फिर भी पत्रकार को झूठे मुकदमे मे फंसाया गया। आरोप है कि पत्रकार ने भ्रामक वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया। जबकि अधिकारियों ने गौशाला का निरीक्षण किया, सारी व्यवस्थायें दुरूस्त पाई गयीं। आरोप है कि पत्रकार ने तारबाड़ी तोड़कर गौशाला से पशुओं को भगा दिया। पत्रकार पर ग्राम सचिव व प्रधान से मारपीट का भी आरोप है। अवैध वसूली से लाखों रूपये वसूलने का आरोप है। इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक का जो बयान आया है काफी हैरान करने वाला है। उन्होने बताया कि देवेन्द्र कौशिक कोई मान्यता प्राप्त पत्रकार नही हैं। इन्हे शायद इस बात का ज्ञान नही है कि अधिकांश मान्यता प्राप्त पत्रकार तो सरकार को खुश करने वाली खबरें पब्लिश कर रहे हैं और पत्रकारिता के लिये किसी मान्यता की जरूरत नही होती।
पत्रकार के साथ जो हुआ उसका वीडियो पूरी दुनिया देख रही है लेकिन पत्रकार द्वारा सचिव और प्रधान के साथ मारपीट किये जाने और पशुओं को भगाने तथा अवैध वसूली का एक भी सबूत अभी तक सामने नही आया। आप समझ सकते हैं यूपी में सच दिखाना कितना खतरनाक है। इससे ज्यादा हैरानी इस बात की है कि पत्रकार पर गंभीर धाराओं में झूठा मुकदमा दर्ज किये जाने पर कहीं से कोई प्रतिक्रिया नही आई, कहीं भी धरना प्रदर्शन और ज्ञापन देकर पत्रकारों ने ललितपुर जिला प्रशासन की मनमानी का विरोध नही दर्ज कराया। मेन स्ट्रीम मीडिया तो सत्ता की मलाई खा रही है, वहां वही दिखाया जा रहा है जो सरकार और सरकार के हुक्मरानों को पसंद है। अनेकों वारंटी जिले में घूम रहे हैं लेकिन इस मामले में पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुये पत्रकार देवेन्द्र कौशिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फिलहाल यहां यह बताना जरूरी है कि अगर आप मीडिया से जुड़े हैं तो नम्बर एक दिन आपका भी आयेगा।
इसी तरह का एक मामला जम्मू से सामने आया है। यहां जम्मू विकास प्राधिकरण ने कुछ दिन पहले एक मुस्लिम पत्रकार के मकान पर बुलडोजर चलवाकर उसे गिरा दिया था। पत्रकार 40 साल से इसी मकान में रह रहा था और अपने चैनल के माध्यम से सरकार का कच्चा चिट्ठा जनता के सामने ले जाता था। इस घटना के बाद एक हिंदू पड़ोसी कुलदीप कुमार ने जम्मू के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में पत्रकार के परिवार को एक प्लॉट गिफ्ट दे दिया और कहा मकान बनाने में भी वो मदद करेंगे। इतनी बड़ी दरियादिली और हिन्दू मुस्लिम एका की यह मिसाल दुनिया सोशल मीडिया पर देख रही है।
पत्रकार ने कहा कि ढहाया गया मकान उनके पिता का था और वे वहां 40 साल से रह रहे थे। इस मकान को तोड़ने से पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। उन्होंने प्रशासन की इस कार्रवाई को तानाशाही बताया है। यहां यह बताना जरूरी है कि हमारा भारत कुलदीप कुमार जैसे लोगों के कारण महान है। वरना जिस तरह से देशभर में जातीय नफरत फैलाई जा रही है, हिन्दू मुस्लिम, मन्दिर मस्जिद किया जा रहा है वह दिन दूर नही जब हर व्यक्ति अकेला खड़ा होगा, न कोई संवेदना होगी और न आपस में कोई भाई चारा होगा। बंचेगी तो सिर्फ नफरत और हिंसा जिसकी लपटों में भारत की पहचान जलकर राख हो जायेगी।









































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