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एटीएस का दावा, विदेशी फण्डिंग से इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा था मौलाना, एफआईआर दर्ज



एटीएस का दावा, विदेशी फण्डिंग से इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा था मौलाना, एफआईआर दर्ज
ATS claims Maulana was promoting Islamic fundamentalism with foreign funding, FIR registered

संतकबीर नगर, उ.प्र.। यूपी एटीएस ने ब्रिटिश नागरिक मौलाना शमशुल हुदा खान के खिलाफ धोखाधड़ी और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के तहत एफआईआर दर्ज की है। एडीजी (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि एटीएस की गहन जांच में मौलाना की गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताई गई हैं।


मामला संतकबीर नगर के कोतवाली खलीलाबाद थाने का है, जहां जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने 2 नवंबर को शिकायत दर्ज कराई। विवेचना जारी है और संबंधित मदरसा सील कर दिया गया है। एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि देवरिया लाला चैकाला गांव निवासी शमशुल हुदा खान ने 12 जुलाई 1984 को आजमगढ़ के मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत अशरफिया मुबारकपुर में सहायक अध्यापक के रूप में नौकरी शुरू की थी। 2007-08 से वह ब्रिटेन में स्थायी रूप से रहने लगा और 19 दिसंबर 2013 को ब्रिटिश नागरिकता हासिल कर ली। 


इसके बावजूद 2007 से 2017 तक उसे उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से वेतन और पेंशन मिलती रही जो पूरी तरह अनियमित पाई गई। जांच में सामने आया कि ब्रिटिश नागरिक बनने के बाद भी वह पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में बार-बार आता-जाता रहा और इस्लामी धर्म प्रचार के नाम पर वहां के लोगों से संपर्क बनाए रखा। भारत में उसके सहयोगी जम्मू-कश्मीर के संदिग्ध व्यक्तियों से जुड़े हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, वह इस्लामी कट्टरपंथ को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा था, जिसकी पुष्टि एटीएस की रिपोर्ट से हुई है।


खुलासा हुआ कि शमशुल हुदा खान ने ब्रिटेन से विदेशी संगठनों और व्यक्तियों से फंड इकट्ठा किए, जो अवैध चैनलों से भारत के मदरसों तक पहुंचाए जाते थे। वह अपनी एनजीओ कुल्लियातुल बनातिर राजविया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी और रजा फाउंडेशन के जरिए यह काम करता था। इसमें कमीशन और दलाली लेने के साक्ष्य मिले हैं। फंड मदरसों के विकास के बहाने इकट्ठे किए जाते थे, लेकिन वास्तव में कट्टरपंथी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहे थे। इसके चलते आजमगढ़ और संतकबीरनगर के दो मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है। एडीजी अमिताभ यश ने कहा, यह नेटवर्क राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। हम उसके विदेशी संपर्कों और आर्थिक लेनदेन की गहराई से जांच कर रहे हैं।


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