श्रीराम के राज्याभिषेक के साथ हुआ रामलीला का विराम
Ramlila concludes with the coronation of Shri Ram.
बस्ती, 13 नवम्बर। सनातन धर्म संस्था द्वारा आयोजित श्री रामलीला महोत्सव के नवम दिवस का शुभारंभ नित्य की भांति भगवान श्री राम जी, लक्ष्मण जी, हनुमानजी की आरती के साथ प्रारम्भ हुआ। आज के प्रथम सत्र में पण्डित चतुर्भुज तिवारी विमला देवी इंटर कॉलेज, कप्तानगंज के बच्चों द्वारा लक्ष्मण शक्ति, कुम्भकर्ण वध एवं दूसरे भाग में दिल्ली स्कूल ऑफ एक्ससीलेंस द्वारा मेघनाद वध, रावण वध, विभीषण राज्याभिषेक, सीता जी की अग्नि परीक्षा तथा तीसरे सत्र मे सी डी ए एकेडमी बनकटी बस्ती के बच्चों द्वारा भगवान का अयोध्या आगमन, व भव्य राज्याभिषेक का मंचन किया गया।
बुधवार के प्रसंग में मेघनाद और लक्ष्मण जी के बीच भयंकर युद्ध होता है और लक्ष्मण जी को वीरघातिनी शक्ति लगने से वो मूर्छित हो जाते हैं, भगवान को करुण विलाप करता देख विभीषण जी लंका के राज वैद्य सुषेण से नारी परीक्षण कराने की सलाह देते हैं हनुमान जी सुषेण वैद्य को भवन सहित लाते हैं और नारी परीक्षण कर द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लाने की बात कहते हैं, रात्रि रहते ही हनुमानजी बूटी लेकर आ जाते हैं और लक्ष्मण जी की चेतना वापस आते ही रामलीला पांडाल में प्रभु श्री राम जी, लक्ष्मण जी और हनुमानजी का जय घोष होने लगा, भगवान श्री राम द्वारा कुम्भकर्ण का वध किया जाता है।
रावण को मेघनाथ वध की सूचना मिलती है सूचना मिलते ही रावण मूर्छित होकर विविध विलाप करने लगता है ’सुत बध सुना दसानन जबहीं, मुरछित भयउ परेउ महि तबहीं।।’ फिर रावण अपनी सेना को ललकारते हुए आदेशित करता है की कोई भी सैनिक रण क्षेत्र से अपनी पीठ दिखाकर नहीं भागेगा जो भागेगा वह मारा जाएगा जैसे ही रावण अपने रथ पर सवार होकर रण क्षेत्र में आता है और एक तरफ से प्रभु राम की सेना के बंदर भालुओं को मारना काटना प्रारंभ कर देता है। रामा दल में हाहाकार मच जाता है इधर रावण के विरुद्ध श्री राम को पैदल देख विभीषण चिंतित होते हैं।
तब प्रभु उनकी चिंता को देखते हुए बोलते हैं की विभीषण जिससे जय होती है वह रथ दूसरा ही है शौर्य और धैर्य उसे रथ के पहिए हैं सत्य और सील उसकी मजबूत ध्वज और पताका है बाल विवेक दाम और परोपकार यह कर उसके घोड़े हैं जो क्षमा दया और समता रूपी डोरी से रथ से बंधे हुए हैं। इधर लक्ष्मण प्रभु से आज्ञा प्राप्त कर रावण को ललकारते हैं रावण अपने पुत्रों के वध करने वाले लक्ष्मण को समक्ष पाकर अत्यंत क्रोधित हो जाता है दोनों में भयंकर युद्ध होता है लक्ष्मण को भारी पड़ता देख रावण ब्रह्म शक्ति का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर देते हैं तब बजरंगबली रावण से युद्ध कर उन्हें घुटने पर ला देते हैं।
लक्ष्मण को असफल होते देख प्रभु श्री राम देवताओं द्वारा भेजे रथ पर सवार होकर रण क्षेत्र में आ जाते हैं प्रभु श्रीराम और रावण के बीच भयंकर बंद होता है जिससे धरती थर्रा उठाती है प्रभु रावण के शीश बार-बार काटते हैं लेकिन वह फिर जीवित हो जाता है तब विभीषण रावण के मृत्यु का भेद प्रभु राम को बताते हैं प्रभु तीर का संधान कर रावण की लीला को समाप्त कर देते हैं। समूचे पांडाल में जय श्री राम की जय घोष होने लगती है। रावण के मृत्यु उपरांत प्रभु विभीषण का राज्याभिषेक करते हैं सीता जी की वापसी के साथ सीता मइया की अग्नि परीक्षा का सुंदर मंचन हुआ।
भगवान श्री राम जी के अयोध्या वापस आते ही प्रभु भारत जी से मिलते हैं प्रभु के राज्याभिषेक की सुंदर तैयारी होती है, चहुँओर सुंदर गीत गाए जाते हैं, पूरे राज्य को सुंदर दुल्हन की तरह सजाया जाता है, श्री राम दरबार की झाँकी जैसे दर्शकों के समक्ष दिखी, भगवान श्री राम जी के जयघोष होने लगे व आतिशबाजी होने लगी। आज आरती में मुख्य रूप से डॉ अश्विनी सिंह, दुर्गा प्रसाद तिवारी, एम पी दूबे, चार्ल्स फिलिप, मंजुला श्रीवास्तव, अनिल तिवारी, गोपाल तिवारी, वेद प्रकाश सिंह, डॉ अरुणा पाल, भावेष पाण्डेय, सर्वेष्ट मिश्र, डॉ शैलेश सिंह, आचार्य देवर्षि त्रिपाठी, भावना सिंह, नीतू सिंह आदि सम्मिलित हुए।
श्री राम राज्याभिषेक के अवसर पर अभी प्रतिभागी विद्यालयों के प्रबन्धक, प्रधानाचार्य जी को संस्था द्वारा स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्यों ने अबीर गुलाल उड़ाये और बच्चों में खिलौने, कार्यकर्ताओं को उपहार बांटे गए। प्रभु सिंहासन पर आसीन होते हैं, शास्त्रों के तरीके से प्रभु का राज्याभिषेक होता है और प्रभु की स्तुति गाई जाती है। प्रभु द्वारा पुरजन उपदेश के माध्यम से आम जनमानस के लिए सुंदर शिक्षा दी जाती है। सनातन धर्म संस्था की ओर से डॉ शैलेश सिंह व श्याम चन्द्र चौधरी ने इस सफल आयोजन के लिए समस्त सनातन धर्म अनुरागियों, विद्यालय प्रबंधन व सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कर्नल के सी मिश्र, जे के शाही, गोपेश्वर त्रिपाठी, डॉ डी के गुप्ता, श्याम चन्द्र चौधरी, शुशील मिश्र, राम स्वरूप चौधरी, अखिलेश दूबे, प्रेम चंद निषाद, अर्चना दूबे, राखी दूबे, अभिषेक शर्मा, सुमित द्विवेदी, दिनेश मिश्र, कैलाश नाथ दूबे, सुधीर सैनी, रमेश सिंह, अनुराग शुक्ल, मनीष सिंह, बबलू मेहदी, धीरज सरीन, डॉ वीरेन्द्र तिवारी, प्रेम शंकर ओझा, सहदेव दूबे, हरीश त्रिपाठी, राजेश मिश्र, सुष्मिता शानू, सन्तोष श्रीवास्तव, विनय शुक्ल, अनुभव मिश्र, प्रमोद श्रीवास्तव, गोविंद चौधरी, बुद्धिसागर शुक्ल, चंदन सिंह, शिवनाथ चौबे, भोलानाथ चौधरी, डॉ शैलेश सिंह, अंकित त्रिपाठी, उमेश चंद्र त्रिपाठी, महेंद्र यादव, मीना त्रिपाठी, पिंटू यादव, तारा त्रिपाठी, मुक्तेश्वर नाथ आजाद, हरीश त्रिपाठी, ओम प्रकाश दूबे, सुनील सिंह, सुनील शुक्ल, विष्णु शुक्ल, विश्वम्भर शुक्ल, जय प्रकाश, रामवृक्ष, निखिल कुमार, आदि सहित पूरा पांडाल भरा रहा।
































Post a Comment
0 Comments