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आचार्य मनीष चन्द्र त्रिपाठी की कथा पर भाव विभोर हो रहे श्रोता



आचार्य मनीष चन्द्र त्रिपाठी की कथा पर भाव विभोर हो रहे श्रोता
बस्ती, 17 नवम्बर। कप्तानगंज के दुधौरा गांव में श्री मद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में आचार्य मनीष चन्द्र त्रिपाठी ने वर्णन करते हुए भगवान की लीलाओ का वर्णन किया श्री कृष्ण जन्म महोत्सव के अवसर श्री शुकदेव जी कहते हैं- परीक्षित! नन्दबाबा बड़े मनस्वी और उदार थे। पुत्र का जन्म होने पर तो उनका हृदय विलक्षण आनन्द से भर गया। उन्होंने स्नान किया और पवित्र होकर सुन्दर-सुन्दर वस्त्राभूषण धारण किये। 



फिर वेदज्ञ ब्राह्मणों को बुला कर स्वस्तिवाचन और अपने पुत्र का जातकर्म-संस्कार करवाया। साथ ही देवता और पितरों की विधिपूर्वक पूजा भी करवायी। उन्होंने ब्राह्मणों को वस्त्र और आभूषणों से सुसज्जित दो लाख गायें दान कीं। फिर भगवान ने पूतना का उद्धार किया आगे भगवान ने सभी गोकुल में रहने वाले ग्वाल गोपियों का मनोरथ पूर्ण किया, सभी के साथ खेले. माखन चोरी की लीला करके भगवान ने सभी को सुख प्रदान किया।



आदि विशेष भगवान ने गोवर्धन भगवान की पूजा कराई और इंद्र की पूजा बंद कराके भगवान ने यह संदेश दिया की हमे हमारे, पहाड़, पर्वत नदियों, वृक्ष का रक्षण करना चाहिये, प्रकृति का रक्षण करना चाहिए क्योंकि इन्ही से हम सब का भी रक्षण. पालन. होता हैं,। कथा के आयोजक विद्या प्रसाद मिश्रा ने सभी श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया इस अवसर पर अंकुर मिश्रा दुर्गेश कुमार मिश्रा, श्रवण कुमार मिश्रा उमेश मिश्रा अभिनव पाण्डेय अशं राम सुन्दर जय प्रकाश मिश्र बद्री प्रसाद आदि लोग उपस्थित रहे।

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