S.I.R. पर सवाल, दर्जनों मौतों का जिम्मेदार कौन ?
S.I.R. But the question, who is responsible for dozens of deaths?
नेशनल डेस्कः एस.आई.आर. को लेकर विपक्ष चुनाव आयोग पर लगातार हमलावर है। चुनाव आयोग के निर्देश पर देश के 12 राज्यों में जारी एसआईआर में काम के दबाव के चलते अब दर्जनों बी.एल.ओ. ने अपनी जीवनलीला खत्म कर लिया या फिर इस्तीफा दे दिया। विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है। हम आपको सुनायेंगे कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया श्रीनेत और राजस्थान पीसीसी चेयरमैन गोविन्द डोटासरा को।
इससे पहले आपको बता दें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देश पर 12 राज्यों में डेडलाइन के साथ एस.आई.आर. कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ये राज्य हैं अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। असम में मतदाता सूची के पुनरीक्षण की घोषणा अलग से की जाएगी। इससे पहले बिहार चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट रिवीजन किया गया था। इस पर काफी विवाद भी हुआ था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इसमें करीब 65 लाख नाम वोटर लिस्ट से डिलीट किए गए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आधार को भी पहचान पत्र के तौर पर शामिल किया गया था और नए नाम जोड़े गए थे।
अब कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेता ने सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर पूरे आंकड़ों के साथ चुनाव आयोग में घेरने मे जुट गई हैं। उन्होने लिखा है 19 दिन, 7 राज्य, 17 बी.एल.ओ. की मौत। वोट चोरी अब लोगों की जान ले रही है। युद्धस्तर पर वोट चोरी करने के लिए एस.आई.आर. का ज़बरदस्त प्रेशर है। बी.एल.ओ. और पोलिंग आफिसर की लगातार मौत की खबर आ रही है। ख़ास तौर से आत्महत्या करने को मजबूर बी.एल.ओ. चिंता का विषय है। सुप्रिया ने गुजरात में सहायक बीएलओ ऊषा बेन, कल्पनावेन, अरविंद वाढ़ेर, रमेश, पशि्चम बंगाल में बी.एल.ओ. शांति मुनि, रिंकू तरफदार, नमिता,
उत्तर प्रदेश में बी.एल.ओ. विजय कुमार वर्मा, केरल में अनीश जॉर्ज, मध्य प्रदेश में उदयभान सिंह, भुवन सिंह, रमाकांत पांडे, सीताराम गोंड, राजस्थान में मुकेश जांगिड, हरिओम, एसआईआर सुपरवाइजर संतराम, तमिलनाडु में जहिता आंगनबाड़ी सेवकि द्वारा आत्महत्या की कोशिश। आख़रि एसआईआर कराने की ऐसी क्या हड़बड़ाहट है? ऐसी कौन सी जल्दी है जो लोगों की जान से ज़्यादा क़ीमती है? इन निर्दोष बीएलओज की मौत का ज़िम्मेदार सीधे सीधे चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। कांग्रेस नेता ने कहा ऐसे ही तुग़लकी फरमान जारी करके नोटबंदी और लॉकडाउन लगाया गया था, जिसकी इस देश ने भारी क़ीमत चुकायी है। वोट चोरी के लिए कोई अपनी जान गँवाये यह कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है, उन्होने सवाल उठाया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता जी क्या आप में मृतकों के परिवार से आँख मिलाने की हिम्मत है ?







































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