मनरेगा का नया कानून वापस ले सरकार- वामदल
बस्ती, 22 दिसंबर। मनरेगा कानून को वापस ले कर बिना बहस के आनन फानन नया कानून बनाए जाने के विरोध में चारों बाम दलों के केंद्रीय नेतृत्व के देश व्यापी विरोध के आवाहन के क्रम में जनपद में भी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भाकपा माले ने न्याय मार्ग स्थित कार्यालय से जुलूस निकाल कर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया।
यहां राष्ट्रपति को संबोधित दो सूत्रीय मांगपत्र तथा स्थानीय स्तर पर कतिपय समूह द्वारा मोरल पुलिसिंग किए जाने के खिलाफ मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा गया। जुलूस का नेतृत्व माकपा के जिला सचिव कामरेड शेष्मणी,भाकपा के जिला सचिव कामरेड अशर्फी लाल तथा भाकपा माले के संयोजक कामरेड राम लौट ने किया। बाम दलों के नेताओं ने मनरेगा कानून में बदलाव को कार्पोरेट घरानों के इशारे पर की गई कार्यवाही बताते हुए कहा सवाल केवल नाम बदलने का ही नहीं भाई बल्कि नए कानून में रोजगार की गारंटी को तोड़ मरोड़ कर समाप्त करने का प्रावधान है।
नेताओं ने कहा कि मांगपत्र में नए कानून को वापस लेकर पूर्व कानून की बहाली, मनरेगा का सार्वभौमिकी कारण और साल में 200 दिन की गारंटी दिए जाने की मांग शामिल है। जनपद में कतिपय व्यक्तियों, समूह और संगठन के द्वारा धर्म निरपेक्षता के ताने बाने को खराब करने के कुप्रयास में मोरल पुलिसिंग किया जा रहा है जिसको लेकर जनता में आक्रोश है। इस को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी उप जिलाधिकारी बस्ती सदर को सौंपा। पूर्व जिला सचिव कामरेड के के तिवारी ने कहा कि बस्ती में इस तरह की प्रवृत्ति संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ और बीएनएस में अपराध है,जिला प्रशासन विशेष तौर पर पुलिस प्रशासन को सतर्क हो कर कार्यवाही करनी चाहिए। कार्यक्रम में सत्य राम, राम अंजोर,राम गढ़ी चौधरी, राम जी, नरसिंह भारद्वाज, विफइ, भागीरथी, शांति, मिस्लावती, रुखसाना, अनुपमा, अनीता, गुड़िया, कुसुम आदि शामिल रहे।

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