कई पुलिसकर्मियों के संपर्क मे थी महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा,
इंसपेक्टर राय को चुकानी पड़ी अवैध रिश्तों की कीमत
यूपी डेस्कः जालौन के कुठौंद थाने में तैनात इंस्पेक्टर 52 साल के अरुण कुमार राय की मौत का राज काफी गहरा होता जा रहा है। पुलिस की पूछताछ और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंस्पेक्टर राय और 28 वर्षीय महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के बीच सम्बन्ध थे यह बात सामने आई है। घटना के आसपास 3 दिनों में दोनो के बीच 100 बार से ज्यादा फोन पर बातचीत हुई हुई है।
इनमे ज्यादातर वीडियो कॉल हैं। महिला सिपाही ने कुछ की रिकॉर्डिंग भी की है। घटना के दिन वह कार से अपने एक मित्र सिपाही अंकित के साथ मेरठ से जालौन आई थी। पुलिस की पूछताछ मे मीनाक्षी ने बताया कि शुक्रवार को जब वह इंस्पेक्टर के कमरे में गई तो वहां वह बिस्तर पर पहले से घायल पड़े थे। हालांकि, मीनाक्षी रात को इंसपेक्टर राय के कमरे परं क्यों गई थी? इसका उसने पुलिस को कोई जवाब नहीं दिया। उसने यह भी कहा कि इंस्पेक्टर के साथ उसके रिश्ते थे, लेकिन वह उन्हे ब्लैकमेल नहीं कर रही थी। मीनाक्षी इतनी शातिर थी कि सिर्फ इंस्पेक्टर राय नहीं, बल्कि 10 से ज्यादा इंस्पेक्टर और दरोगा उसके सम्बन्ध थे। कॉल रिकॉर्ड में इस बात के सबूत मिलने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
इंस्पेक्टर राय की मौत मामले में रविवार को मीनाक्षी को गिरफ्तार कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान महिला सिपाही ने ट्रैक सूट पहन रखा था। उसके हाव-भाव में कहीं भी पछतावा नजर नहीं आ रहा था। मीडियाकर्मियों को देखते ही उसने चेहरे पर रूमाल बांध लिया। गौर से इस केस को देखें तो शुक्रवार रात 9.17 बजे कुठौंद थाना कैंपस में इंस्पेक्टर राय के कमरे में गोली चली। मीनाक्षी कमरे से भागती हुई बाहर आई। चिल्लाकर बोली कि साहब ने गोली मार ली है। इसके बाद वह मौके से भाग गई।
इंस्पेक्टर का शव मच्छरदानी के अंदर बेड पर खून से लथपथ पड़ा था। सर्विस रिवॉल्वर पेट के ऊपर पड़ी थी। सिर में लगी गोली आर-पार हो गई थी। शुरुआत में कहा गया कि ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर इंस्पेक्टर ने सुसाइड कर लिया। इंस्पेक्टर की पत्नी माया राय ने मीनाक्षी के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कराई। कहा कि मीनाक्षी ने मर्डर किया या किसी और से करवाया है। मीनाक्षी मेरठ के फलावदा थाना क्षेत्र के ग्राम अहमदपुर उर्फ दांदूपुर गांव की रहने वाली है। इसी नवंबर में उसकी सगाई हुई थी। 8 फरवरी को उसकी शादी तय थी।
मीनाक्षी को पुलिसकर्मी कोर्ट के बाहर कार में बैठा रहे थे तो पिता ने कहा- लाली तुम चिंता मत कर, जल्द कोर्ट से छुड़ा लेंगे। इंस्पेक्टर की मौत में 3 बातें सामने आ रही हैं। पहला, इंस्पेक्टर राय मीनाक्षी की ब्लैकमेलिंग से तंग आ गए थे। शुक्रवार रात कमरे में मीनाक्षी के पहुंचते ही उन्होंने खुद को गोली मार ली। सीसीटीवी में नजर आ रहा है कि मीनाक्षी जब थाने में जा रही थी तो वह किसी से फोन पर बात कर रही थी। चर्चा है कि वह इंस्पेक्टर राय से ही फोन पर बातचीत कर रही थी। इसी दौरान इंस्पेक्टर ने खुद को गोली मार ली। कुछ सेकेंड बाद मीनाक्षी पहुंची तो वह बेड पर उसे घायल मिले। कमरे में वह बुलेट नहीं मिली है, जो इंस्पेक्टर के सिर पर लगी है।
जानकारी मिली है कि मीनाक्षी बड़े ठाट बाट से रहती है। ज्यादातर फोन पर लगी रहती थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इंस्पेक्टर राय और मीनाक्षी जुलाई- 2024 में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। दोनों उस वक्त जालौन के कोंच थाने में तैनात थे। तभी उनके बीच नजदीकियां बढ़ीं। कोंच से उरई ट्रांसफर होने के बाद मीनाक्षी का इंस्पेक्टर राय के पास आना-जाना लगा था। जब उनका ट्रांसफर कुठौंद थाने में किया गया तो वहां भी अक्सर मीनाक्षी आती थी।
वह आई-फोन यूज करती थी। उसने हाल ही में 3 लाख का हार लिया था। चर्चा है, कि इंस्पेक्टर राय ने ही इसे दिलवाया था। इंस्पेक्टर राय के अलावा भी लगातार वह अपने सीनियर इंस्पेक्टर और दरोगा के संपर्क में रहती थी। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ये पता कर रही है कि उसके अपने सीनियर अफसरों के साथ किस तरह के संपर्क थे। फिलहाल यह तय माना जा रहा है कि इंसपेक्टर राय चरित्र के धनी नही थे और यही उनकी मौत का कारण बना।









































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