मारपीट कर घर से निकाला, फिर बगैर तलाक कर ली दूसरी शादी,
इंसाफ मांग रही विवाहिता
बस्ती, 09 दिसम्बर। पति, पत्नी के पवित्र सम्बन्ध आये दिन विवादो की भेंट चढ रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप, मुकदमा, तलाक और दूसरी शादी कर लेने के अनेक मामलों के बीच बस्ती से एक और मामला सामने आया है। कोतवाली थाना क्षेत्र के डिड़ौहा खोराखार (पटेल चौक) निवासिनी पुनीता चौधरी ने पुलिस अधीक्षक को पत्र देकर कहा है कि उनके पति धर्मात्मा प्रसाद चौधरी पुत्र स्व० हनुमान प्रसाद चौधरी ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया हैं। यही नही उसके पुत्र विक्रान्त जिसकी उम्र लगभग 8 वर्ष है उसको मां से मिलने नही दिया जा रहा है।
तलाक का मुकदमा भी दायर कर दिया है। बिना तलाक उनके पति ने दूसरी शादी कर लिया है और पिछले 8 महीने से वह दर-दर भटक रही है। पहले तो उसे दहेज के लिये प्रताड़ित किया गया और पति ने दूसरी शादी कर लिया जो अवैध है। अब वह जाये तो कहा जाये। पुनीता के अनुसार 7 नवम्बर 2025 को उसके पति धर्मात्मा प्रसाद चौधरी ग्राम परसिया पोस्ट बनेथू थाना बेलहर कला जिला सन्तकबीर नगर से जगदम्बा प्रसाद की पुत्री जिसका नाम शिवांगी है से खलीलाबाद के किसी मन्दिर में शादी करके घर ले आये है और पत्नी के रूप में घर में रखे हुए है जो पूर्ण रूप से अवैधानिक है।
पति के इस अनुचित रवैया से वह दर-दर की ठोकर खाने और भटकने के लिए मजबूर है। पुनीता का विवाह 3 दिसम्बर 2016 में धर्मात्मा चौधरी के साथ हुआ था। सोनहा थाना क्षेत्र के दुबौली निवासी शेषनाथ चौधरी ने धूमधाम के साथ अपनी बेटी का विवाह धर्मात्मा चौधरी के साथ किया था किन्तु अब वह पहले दहेज उत्पीड़न का शिकार हुये, उसे मारा पीटा, घर से निकाल दिया और पति ने गैर कानूनी रूप से दूसरी शादी भी कर लिया। एसपी को दिये पत्र में पुनीता ने कहा है कि उसने एक प्रार्थना पत्र पहले भी दिया था जिसको थाना कोतवाली के पिंक बूथ परामर्श केन्द्र पर भेज दिया गया।
सुलह समझौते का बहुत प्रयास करने पर उसके पति धर्मात्मा प्रसाद चौधरी ने कहा कि मैने तलाक का मुकदमा कर दिया है, कोर्ट का जो निर्णय होगा उसे हम मानेंगे, यहाँ कोई सुलह समझौता नहीं करेंगे। पति के इस अनुचित व्यवहार से वह न तो अपने घर में रह पा रही है और न ही अपने पुत्र की देख भाल कर पा रही है। घर में एक बूढ़ी दादी है जो लड़के की देखभाल करने में असमर्थ है। पति के अनुचित रवैये से वह दर दर भटकने को मजबूर है। उसने मांग किया है कि जब तक न्यायालय का कोई निर्णय न हो जाय तब तक उसे अपने पुत्र के साथ घर में रहने की व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर कराने के साथ ही उसे न्याय दिलाया जाय और बिना तलाक शादी करने वाले पति धर्मात्मा प्रसाद चौधरी के विरूद्ध कार्रवाई की जाय।









































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