सहजन का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर
हर्रैया, बस्ती। सहजन का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। इसकी फली के अचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक हैं। यह जिस जमीन पर लगाया जाता है उसके लिए भी लाभप्रद है। सहजन का पौधा किसी भी भूमि पर पनप सकता है। इसके फूल फली और टहनियों को अनेकों प्रयोग में लिया जा सकता है सहजन भोजन के रूप में अत्यंत पौष्टिक है और इसके औषधीय गुण हैं।
उक्त बातें विश्व पर्यावरण दिवस पर सहजन के पौधों को वितरित करते हुए पर्यावरण प्रेमी सागर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रमोद ओझा ने कहीं। बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सागर सेवा ट्रस्ट की ओर से अध्यक्ष द्वारा सहजन और नीम के पौधौ को वितरित किया गया। श्री ओझा द्वारा कप्तानगंज क्षेत्र में सहजन के पौधों को वितरित करते समय उसकी उपयोगिता को भी लोगों के बीच रखा और कहा कि सहजन में कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन कैल्शियम पोटेशियम आयरन मैग्नीशियम विटामिन ए और सी के अलावा बी काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में है। सहजन में दूध की तुलना में चार गुना कैल्शियम और दुगना प्रोटीन पाया जाता है सहजन नेत्र रोग, मोच, गठिया में उपयोगी है।
सहजन पथरी, पीलिया रोग के लिए भी उपयोगी माना जाता है। सहजन के विभिन्न अंगों के रस को मधुर, वातघ्न, रुचिकारक, वेदनाशक, पाचक आदि गुणों के रूप में जाना जाता है। सहजन में दूध की तुलना में चार गुना कैल्शयिम और दोगुना प्रोटीन पाया जाता है। सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका, गठिया आदि में उपयोगी है। सहजन के पौष्टिक गुना की तुलना विटामिन सी सेंटर से 7 गुना, विटामिन ए गाजर से चार गुना, कैल्शियम दूध से चार गुना, पोटेशियम केले से 3 गुना, प्रोटीन दही की तुलना में तीन गुना अधिक पाया जाता है। ट्रस्ट के अध्यक्ष ने लोगों से आवाहन किया कि पौधारोपण जीवन के लिए अति उपयोगी है। अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर पर्यावरण की रक्षा करें। एक वृक्ष 10 पुत्र के समान है।
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