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यूपी में उपचुनाव की तैयारियो में जुटी बसपा, सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा

यूपी में उपचुनाव की तैयारियो में जुटी बसपा, सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा BSP busy in preparations for by-elections in UP, announces to contest elections on all 10 seats




यूपी डेस्कः यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाला उपचुनाव काफी रोचक होने वाला है। इस चुनाव में बसपा भी हिस्सा लेगी। पाटर्भ् की बैठक में मायावती ने बड़ा फैसला लिया है। लंबे समय के बाद मायावती विधानसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही हैं। सूत्रों की माने तो 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से संबंधित दो सीटों पर बसपा ने उम्मीदवारों के नाम भी फाइनल कर दिए हैं। बाकी 8 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया जा रहा है। 


आइए जाने इन सीटों के बारे में

कटेहरी विधानसभाः लालजी वर्मा यहां से एमएलए थे। उन्होने अंबेडकर नगर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। कटेहरी सीट पर 2012 में सपा और 2017 में बसपा को जीत मिली थी। लालजी वर्मा यूपी चुनाव 2022 में निषाद पार्टी को इस सीट पर हराने में कामयाब हुए थे।


करहल विधानसभाः मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक थे। कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दिया। इसके बाद यह सीट खाली हो गई है।


मिल्कीपुर विधासभाः अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा के सीनियर नेता अवधेश प्रसाद एमएलए थे। फैजाबाद से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। इस सीट पर ब्राह्मणों और दलितों का वर्चस्व है।


मीरापुर विधानसभाः मीरापुर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान एमएलए थे। उनके सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर जाट और मुसलमानों का अच्छा प्रभाव है।


गाजियाबाद लोकसभाः गाजियाबाद विधानसभा सीट से भाजपा के अतुल गर्ग विधायक थे। गाजियाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत दर्ज कर वे संसद पहुंच चुके हैं। इसके बाद ये सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में भाजपा ने जीती थी।


मझावां विधानसभाः मझावां विधानसभा सीट पर निषाद पार्टी का कब्जा था। विनोद कुमार बिंद यहां से विधायक थे। विनोद कुमार बिंद के भदोही सीट से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हुई है। 2012 में यह सीट बसपा और 2017 में भाजपा ने जीती थी। यहां बीजेपी मजबूत मानी जाती है।


खैर विधानसभाः अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक अनूप सिंह लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। वह हाथरस से लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2012 में यह सीट रालोद और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर जाट, ब्राह्मण, दलित और मुसलमानों का अच्छा प्रभाव है।


फूलपुर विधानसभाः फूलपुर विधासभा सीट से विधानसभा सीट से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज संसद पहुच चुके हैं। इसके बाद यह सीट खाली हुई थी। 2012 में यह सीट सपा और 2017 में बीजेपी ने जीती थी। इस सीट पर यादव और दलितों का अच्छा प्रभाव है।


कुंदरकी विधानसभाः कुंदरकी विधानसभा सीट से जिया उर रहमान बर्क विधायक थे। वह संभल लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। इसके बाद यह सीट खाली हो गई है। इसे सपा की मजबूत सीट माना जाता है। सपा इस सीट पर 2012, 2017 और 2022 चुनाव में जीत दर्ज की।


सीसामऊ विधानसभाः सीसामऊ विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था। यहां से सपा विधायक इरफान सोलंकी को कोर्ट ने दोषी करोर किया। सजा के ऐलान के बाद जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनकी विधायकी चली गई है। इसे सपा की बहुत मजबूत सीट माना जाता है। इस बीच इस बात को इग्नोर नही किया जा सकता है कि बसपा के परंपरागत मतों में सेंध लगाने की चन्द्रशेखर रावण की अच्छी तैयारी है। वक्त बतायेगा कि बसपा अपने मतदाताओं को संजोकर रखने में कामयाब रहती है या फिर चन्द्रशेखर रावण इसमे सेंध लगाने में सफल होंगे।

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