18 साल के युवाओं को मताधिकार देकर राजीव गांधी ने किया नये भारत का शिलान्यास
Rajiv Gandhi laid the foundation stone of new India by giving voting rights to 18 year old youth.
1984 से 1989 के अपने अल्प संमय की राजनीति में उन्होने आधुनिक भारत की बुनियाद रखी। कम्पूयटर क्रांति, संचार क्रांति, मनरेगा, 18 वर्ष की आयु में नौजवानों को मताधिकार, महिला आरक्षण के लिये राजीव गांधी को युगों युगों तक याद किया जायेंगा। पूर्व विधायक अंबिका सिंह ने कहा राजीव सरीखे व्यक्तित्व का प्रधानमंत्री कोई दूसरा नही हुआ। वे शांति, प्रगति और तकनीकी क्रांति के ध्वजवाहक थे। पूर्व विधानसभा प्रत्याशी देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा राजीव जी की हत्या से समूचा विश्व हिल गया था। देश ने एक ऐसा नेता खोया था जिसकी क्षति हजारों साल तक महसूस की जायेगी। वे युगदृष्टा थे। जयंती अवसर पर आयोजित गोष्ठी को नर्वदेश्वर शुक्ल, रामभवन शुक्ल, बाबूराम सिंह, जयंत चौधरी, अवधेश सिंह, गंगा प्रसाद मिश्र, अशोक श्रीवास्तव, डीएन शास्त्री, भूमिधर गुप्ता, लीगल सेल के शिवनारायण पाण्डेय आदि ने सम्बोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता मो. रफीक खां ने किया। राजीव गांधी ने विपरीत परिस्थितियों में देश की बागडोर संभाला था लेकिन प्रतिशोध की भावना से काम नही किया। इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने स्व. राजीव गांधी के चित्र पर मार्ल्यापण कर उन्हे श्रद्धासमुन अर्पित किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से शकुन्तला देवी, अमरबहादुर शुक्ल, बृजेश कुमार पाण्डेय, मो. अशरफ अली, लक्ष्मी यादव, शमसुदी्दीन, ज्ञानप्रकाश पाण्डेय, सर्वेश शुक्ल, डा. मारूफ अली, शौकत अली नन्हू, सलाउद्दीन, शेर मोहम्मद, संजीव त्रिपाठी, सुजीत शुक्ल, वीरेश सिंह, राकेश मणि त्रिपाठी, बबलू गुप्ता, अखिलेश साहनी, पवन तिवारी, हेमन्त कुमार, अतीउल्लाह सिद्धीकी, मो. अकरम, दिलीप श्रीवास्तव, सद्दाम हुसेन, जयप्रकाश अग्रहरि, दूधनाथ पटेल, अजीत पाण्डेय, अलीम अख्तर, अरूण त्रिपाठी, अजय प्रताप सिंह, अमित कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहे।












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