बस्ती में चल रहा है खेला ‘‘विकास कागजों में, शासकीय धन जेब में’’-“Development is on paper, government money is in pockets” game is going on in the colony.
मंगलवार छह अगस्त को मीडिया की पड़ताल में सामने आया है कि ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत जगरनाथ पुर में 23 जुलाई से लेकर छह अगस्त 2024 तक चार मनरेगा साइडों पर लगभग 2700 मजदूरों की हाजिरी निरंकुश होकर लगाई गई है। कुल मिलाकर सरकार को लगभग छह लाख रूपये से अधिक का चूना लगाने की साज़िश की गई है। जबकि ग्राम पंचायत में सचिव का पद रिक्त हैं फिर भी पता नहीं मस्टरोल नियम विरुद्ध कैसे जारी हो गया है ?. ईश्वर जानें। वह भी ऐसे वक्त जब सीवान व खेतों समेत चकमार्गो पर बरसात का पानी भरा हुआ है।
कुल मिलाकर नौकरशाहों द्वारा सरकार के प्रति विश्वासघात करने की कायम परम्परा का अन्त कब होगा इसका कोई विकल्प निकट भविष्य में नहीं दिखाई दे रहा है। मनरेगा योजना की इन साइडों में श्री राम के घर से तालाब तक,सी.सी.रोड निर्माण कार्य। रोहित के घर से राम भारत के घर तक मिट्टी पटाई कार्य। केशव राम के घर से राम दत्त के खेत तक सी.सी.रोड के दोनों तरफ पटरी मरम्मत व पटाई कार्य। केशव राम के घर से जीते के घर तक मिट्टी पटाई कार्य। जो धरातल पर नहीं बल्कि हवा हवाई दिखाई दे रहे हैं। तभी तो कार्य अवधि के दौरान कोई जिम्मेदार कार्य स्थल पर हकीकत देखने की कभी कोशिश नहीं कर रहा है।
सभी जिम्मेदार अपने कार्यालयों में बैठकर बेखौफ भ्रष्टाचार फर्जीवाड़ा कर महज औपचारिकता पूरी कर समाज को गुमराह करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मनरेगा योजना के धन की मची अन्धाधुंध लूट खसोट रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, सचिव और डी.सी. मनरेगा के अलावा सी.डी.ओ. और कार्यक्रम अधिकारी तथा कम्प्यूटर चालक तक की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं जो सरकार को बदनाम करने की साज़िश का हिस्सा माना जा रहा है। सम्पूर्ण आरोपों के मामले में मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी कुदरहा ने कहा है कि मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही किया जायेगा। जब कि डी.सी. मनरेगा और सी.डी.ओ. से संवाद करने की तमाम कोशिशें कभी सफल नहीं हुई है।
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