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मुजफ्फरपुर में 12 करोड़ की कोकीन, शराब बरामद, देवरिया से जुड़े हैं तस्करों के तार

मुजफ्फरपुर में 12 करोड़ की कोकीन, शराब बरामद, देवरिया से जुड़े हैं तस्करों के तार Cocaine and liquor worth Rs 12 crore recovered in Muzaffarpur, smugglers have links with Deoria


देवरिया, संवाददाता (सुरेन्द्र कुमार सिंघल)। बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर रेल थाने की टीम ने मौर्य एक्सप्रेस के ए-वन कोच से 12 करोड़ की कोकीन और टेट्रा पैक विदेशी शराब बरामद की है। इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि पकड़े गए आरोपी ने जानकारी दी है कि वह इन मादक पदार्थों को उत्तर प्रदेश के देवरिया सदर रेलवे स्टेशन पर किसी को सौंपने वाला था। 


इस मामले में रेलवे पुलिस अधीक्षक गोरखपुर को मोबाइल फोन से वार्ता करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। अधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि पूछताछ में कोच अटेंडेंट ने बताया है कि ओडिशा के झारसुगुड़ा स्टेशन पर उसे यह शुक्रवार को मिला था और उसे देवरिया सदर रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति को सौंपना था। कोच अटेंडेंट ने किस व्यक्ति को यह पैकेट देना था उसका नाम पता बताने से इंकार कर दिया है। जानकारी के अनुसार धनंजय कुमार पिछले ढाई-तीन साल से मौर्य एक्सप्रेस में अटेंडेंट के रूप में काम कर रहा था। धनंजय को ओडिशा के झारसुगुड़ा स्टेशन पर एक अज्ञात ने धऩजय को शुक्रवार को पैकेट पकड़ाया था। 


इससे इस बात को काफी बल मिलता है कि देवरिया जिले में भी मादक पदार्थों के बड़े सौदागर रहते हैं और स्थानीय पुलिस की विफलता से उनका करोबार‌ बडे पैमाने पर फ़ल फ़ूल रहा है। राजकीय रेलवे पुलिस सूत्रों के अनुसार मौर्य एक्सप्रेस के ए-वन कोच के अटेंडेंट को 12 करोड़ रुपये मूल्य की कोकीन और विदेशी शराब के साथ शनिवार को गिरफ्तार किया है। अटेंडेंट धनंजय कुमार मूल रूप से बिहार के आरा के तरारी थाना क्षेत्र के ग्राम बरसी धनगांव का रहने वाला है। उसे शनिवार को सोनपुर रेलवे कोर्ट में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


रेल पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, यह पहली बार है जब मुजफ्फरपुर जंक्शन पर मादक पदार्थ बरामद किया गया है। इससे पहले सोना, चांदी, गांजा, विदेशी सिगरेट और सुपारी जैसी वस्तुएं जब्त की जा चुकी हैं। मुजफ्फरपुर रेल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत कुमार ने मामले की पुष्टि की है और बताया है कि जब्त की गई कोकीन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 12 करोड़ रुपये आंकी गई है। बताया जा रहा है कि धनंजय कुमार पिछले ढाई-तीन साल से मौर्य एक्सप्रेस में अटेंडेंट के रूप में काम कर रहा था। 


उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसे ओडिशा के झारसुगुड़ा स्टेशन पर एक अज्ञात व्यक्ति ने सफेद पाउडर से भरा एक पैकेट दिया था। उसे निर्देश दिया गया था कि वह इस पैकेट को छपरा-गोरखपुर रेल खंड के देवरिया सदर स्टेशन पर एक अन्य व्यक्ति को दे दे, जिसके बदले में उसे मोटी रकम मिलने वाली थी। पहचान सुनिश्चित करने के लिए एक कोड वर्ड भी धनंजय से तस्करी करने वाले ने बताया था। राजकीय रेलवे पुलिस के सूत्रों ने बताया कि धनंजय ने मादक पदार्थ के पैकेट को रेल यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल-चादर बेड रोल में छिपा दिया था। बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर जंक्शन पर जब पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया, तो धनंजय घबरा गया और उसके पसीने छूटने लगे।


पुलिस को उस पर अत्यधिक शक हुआ और उन्होंने उससे सख्ती से पूछताछ की, जिसके बाद उसने स्वीकार किया और कोकीन से भरा पैकेट सौंप दिया। पुलिस ने धनंजय का मोबाइल फोन और कोच अटेंडेंट का आईकार्ड भी जब्त कर लिया है और मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की आगे की जांच राजकीय रेलवे पुलिस के एस आई जय प्रकाश को सौंपा गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस शुरूआत में गांजा की खेप को लेकर छापेमारी करने गई थी, लेकिन उन्हें कोकीन का यह बड़ा जखीरा हाथ लग गया। उपरोक्त प्रकरण से यह स्पष्ट है कि मादक पदार्थों के तस्करों का कनेक्शन कही ना कहीं उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से भी जुड़ा हुआ है। लेकिन जिले के स्थानीय पुलिस अधिकारियों की लापरवाही और सूस्ती की वजह से मादक पदार्थों के तस्करी का व्यापार यहां तेजी से फल फूल रहा है।

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