दलितों पर बढ़ते अत्याचार, उगाही, उत्पीड़न के विरोध में राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन Memorandum sent to the President against increasing atrocities, extortion and harassment on Dalits
राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में भारतीय दलित वर्ग संघ के राष्ट्रीय सचिव साधू शरन आर्य ने कहा है कि पूर्वान्चल के साथ ही उत्तर प्रदेश के अनेक जनपदों में दलितों के उत्पीड़न मामलों में प्रभावी कार्यवाही न होने से दबंगों का मनोबल बढ गया है। थानों में दलितों के साथ धन उगाही, फर्जी मामलों में जेल भेज दिये जाने के मामले लगातार बढ रहे हैं। देश में भेदभाव का सबसे बड़ा शिकार अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग हैं भेदभाव को दूर करने के लिए सरकार के प्रयास कागजी साबित हो रहे हैं।
थानों पर दलितों की सुनवाई न के बराबर है जिससे दबंगों का मनोबल बढ गया है। बस्ती, सिद्धार्थ नगर, संतकबीर नगर, गोरखपुर, लखनऊ, बहराइच, सीतापुर आदि जनपदों में हुये दलित उत्पीड़न मामलों की जानकारी देते हुये उन्होने मांग किया है कि दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई कराया जाय। भारतीय दलित वर्ग संघ के राष्ट्रीय सचिव साधू शरन आर्य ने कहा कि गौर थाना क्षेत्र के वार्ड नम्बर 14 चन्द्रशेखर आजाद नगर निवासी दलित कैलाशनाथ के घर के सामने शिव कुमार के घर में गत 31 अगस्त को चोरी हो गई। सूचना पर गौर और बभनान पुलिस मौके पर पहुंची।
कैलाशनाथ के घर में लगे सी.सी.टी.वी. फुटेज को देखा फोटो में चोर की पहचान न होने पर पुलिस चली गई। 3 सितम्बर को गौर व पुलिस चौकी बभनान पुलिस उनके घर पहुंची और उन्हें और नाती 11 वर्षीय अंश को गाडी पर बैठाकर थाने ले गयी। दो दिन तक गौर पुलिस ने नाबालिग अंश और 70 वर्षीय कैलाशनाथ को मारा पीटा, धमकियां दी और एक लाख रूपये की धन उगाही भी किया। अभी तक इस मामले में दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। मांग किया कि सरकार दलित उत्पीड़न के मामलों में न्याय दिलाने के लिये ठोस कार्रवाई करे। ज्ञापन देने वालों में साधू शरन आर्य के साथ मुख्य रूप से अर्जक समाज के राष्ट्रीय संयोजक गौरीशंकर, अवधेश सिंह, सोनू राव, अनिल तिवारी आदि शामिल रहे।
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