महर्षि वाल्मीकि को जयन्ती पर समाजवादियों ने किया नमन् Socialists paid tribute to Maharishi Valmiki on his birth anniversary.
इन्होंने संस्कृत मे महान ग्रंथ रामायण महान ग्रंथ की रचना कि थी ,इनके द्वारा रचित रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाती है। हिंदु धर्म की महान कृति रामायण महाकाव्य श्रीराम के जीवन और उनसे संबंधित घटनाओं पर आधारित है। उनकी कृतियां युगों से भारतीय मनीषा को श्रीराम चरित से परिचित कराती है। पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, जावेद पिण्डारी, मो. स्वालेह, सुरेन्द्र सिंह ‘छोटे’, अरविन्द सोनकर, आदि ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी के अनुसार संसार का मूल आधार ज्ञान ही है अर्थात शिक्षा के बिना मानव जीवन व्यर्थ और अर्थहीन है क्योंकि जीवन की भूल-भुलैया के चक्रव्यूह से शिक्षित व्यक्ति का ही बाहर निकलना संभव तथा आसान होता है। इनकी शिक्षाओं में अस्त्र-शस्त्र, ज्ञान-विज्ञान, राजनीति तथा संगीत के अलावा आदर्श सेवक, आदर्श राजा, आदर्श प्रजा का ही नहीं, आदर्श शत्रु का भी वर्णन मिलता है।
आज भी इनकी शिक्षाएं पूरी दुनिया को मानवता, प्रेम व शांति तथा सहनशीलता का संदेश देती हैं और हिंसा, शत्रुता व युद्ध के होने वाले भयंकर विनाश के दुष्परिणामों से बचने का संकेत करती हैं। जयन्ती पर महर्षि वाल्मीकि को नमन् करने वालों में मुख्य रूप से मो. हाशिम, पंकज निषाद, संजय कुमार गौतम, विवेक यादव, जगदीश यादव, मुरलीधर पाण्डेय, राजाराम यादव, गौरीशंकर यादव, जयराज यादव, राहुल यादव, प्रमोद यादव, जितेन्द्र यादव, उमर खान, गुलाम गौस, मन्नू सिंह, मनोज यादव, राजेश पटेल, दिनेश तिवारी, रमेश गौतम, अंकित कुमार पाण्डेय, युनूस आलम खान, भोला पाण्डेय, राहुल सिंह, गिरीश चन्द्र, अजय यादव, शकुन्तला चौरसिया, राम प्रकाश चौधरी, प्रशान्त यादव, पवन कुमार चौधरी, कक्कू शुक्ल, अशोक कुमार यादव, अकबर अली, आमिश, हरीश, इन्द्रेश चौधरी, ज्ञानदास, वीरू विश्वकर्मा, रमेश गौतम, इरशाद अहमद आदि शामिल रहे।
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