तीन बार बरबाद हुई धान की रोपाई, क्षतिपूर्ति के नाम पर किसानों के साथ धोखा Paddy plantation was ruined thrice, farmers cheated in the name of compensation
तहसील संवाददाता, इटवा सिद्धार्थ नगर (अवधेश कुमार मिश्र) सरकार किसानों की सुविधा के लिए चाहे जितना लाभकारी योजनाएं बना ले मगर स्थानीय कर्मचारियों और अधिकारियों की उदासीनता के कारण योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है। बात कर रहे विकासखंड खुनियाव के दुफेड़िया पल्टा पल्टी, एकडेगवा, महुआ पाठक, गोल्हौरा पाठक, पचमोहनी,मटेसर नानकार तिघरा तिघरी बनगवा मनखोरिया समेत एक दर्जन गांव के किसानो की।
इन्हें तीन महीने में तीन बार धान की रोपाई करनी पड़ी। मौके पर सांसद, पूर्वमंत्री व विपक्ष के भी नेता आए मगर क्षतिपूर्ति के नाम पर केवल आश्वासन दिया गया। दुफेड़िया के किसान सच्चिदानंद मिश्र का कहना है की तीन महीने में तीन बार धान की रोपाई कराई गई मगर तीसरी बार भी पूरी फसल जलमग्न हो गई। लेखपाल जांच करने आए, आश्वसन दिया मगर नतीजा सिफर रहा, एक रूपये की भी क्षतिपूर्ति नही मिली।
मटेसर नानकार के किसान अखतर हुसैन का कहना है की पूरी फसल बर्बाद हो गई मगर मुआवजे के नाम पर एक भी रूपया नसीब नहीं हुआ। तिघरी गांव के किसान निसार अहमद का कहना है कि तीन महीने में चार बार रोपाई कराई गयी मगर तीन महीने से जांच ही केवल देखने को मिल रही है। किसान सुरेंद्रनाथ दुबे का कहना है की फसल का मुआवजा न मिलने से किसानों में बड़ी नाराजगी है। जहा फसल नुकसान हुआ था वहा क्षतिपूर्ति दी जा रही है जो बची है उसकी जांच करा कर क्षतिपूर्ति दिलाने का प्रयास किया जाएगा- देवेन्द्र मणि त्रिपाठी, तहसीलदार, इटवा, सिद्धार्थनगर।
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