सिद्धार्थनगरः कागजों में चल रहा सरकारी स्कूल, 117 में 22 बच्चे रहे उपस्थित
Siddharthnagar: Government school running only on paper, 22 students out of 117 were present
मीडिया दस्तक संवाददाता, डुमरियागंज (बंशीधर पाण्डेय) उ.प्र. सरकार ने परिषदीय विद्यालयों को प्रयोगशाला बना दिया है। यहां नित नये प्रयोग किये जा रहे हैं और नई योजनायें लागू की जा रही हैं। अफसोस इनका उद्देश्य विद्यालयों की व्यवस्था व पठन पाठन को गुणवत्तापरक बनाने के लिये नहीं बल्कि अध्यापको को अधिकांश समय व्यस्त रखना है। नतीजा ये है कि अधिकांश अध्यापकों की स्थिति मानसिक विक्षिप्त जैसी हो गई है।
मंगलवार को मीडिया दस्तक टीम खुनियांव ब्ला के विद्यालयों की पड़ताल करने पहुंची। टीम सबसे पहले पूर्व माध्यमिक विद्यालय सनिचरा पहुंची जहा 117 बच्चे पंजीकृत हैं मगर मौके पर 22 बच्चे मिले। मिड डे मील का चूल्हा बुझा मिला। सम्बद्ध अध्यापक शिवप्रसाद नही मिले। उनकी जगह दूसरे विद्यालय के एक अध्यापक परिसर में मौजूद थे। पूछने पर बताए मुझे एक दिन के लिए इस विद्यालय पर भेज गया है।
मेरा स्कूल दूसरा है। इस विद्यालय के बारे में मुझे कोई जानकारी नही है। पेय जल की स्थित बहुत खराब थी। ऐसा लगा जैसे विद्यालय की रंगाई पोताई वर्षों से नही हुई है। एक दो बच्चे को छोड़ कर ड्रेस में कोई बच्चा नही मिला। इसके बाद टीम पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेहुडा पहुंची। यहां विद्यालय की स्थिति बद् से बदतर है।
ग्रामीणों से पूछने पर पता चला कि यह विद्यालय जब से बना है एक भी बच्चे को पढ़ते नही देखा उक्त विद्यालय महज कागजों में चल रहा है। सूत्र बता रहे है कि यहां 100 ऊपर बच्चे नामांकित हैं। भोजन कम्पोजिट ग्रांट सहित तमाम मद का पैसा डकारा जा रहा है मगर जिम्मेदार बेखबर है। देखना दिलचस्प होगा कि जिले के तेज तर्राक जिलाधिकारी इन विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिये क्या कदम उठाते हैं।
Post a Comment
0 Comments