राजधानी दिल्ली में लगातार खराब हो रही है वायु की गुणवत्ता, अस्थमा व हार्ट के मरीजों की जान पर खतरा Air quality is continuously deteriorating in the capital Delhi, life of asthma and heart patients is in danger.
दिल्ली, राज्य संवाददाता (ओ पी श्रीवास्तव)। देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है जिससे राजधानी दिल्ली क्षेत्र के निवासियों के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहें हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को बाहर न निकलने पर चेतावनी दे दी है। लेकिन सरकारी अफसर इस मामले में लापरवाह एवं असंवेदनशील हो चुकें हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र में AQI (Air Quality Index) गंभीर श्रेणी में चला गया है। AQI 400 से अधिक हो गया है। पॉल्यूशन का इतना बढ़ना सेहत के लिए काफी खतरनाक माना जाता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस तरह का प्रदूषण शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचाता है। जिन लोगों को पहले से ही सांस की बीमारी है उनकी समस्या इस मौसम में काफी बढ़ जाती है। बुजुर्गों और दिल के मरीजों के लिए प्रदूषण मौत का कारण भी बन सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जब Air Quality Index 400 से अधिक हो जाता है तो इससे सांस की बीमारियां होने लगती हैं। इनमें अस्थमा, क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), और निमोनिया का रिस्क होता है। निमोनिया छोटे बच्चों को होता है और ये जानलेवा साबित हो सकता है।
बढ़ते प्रदूषण का असर हार्ट पर भी पड़ता है. पॉल्यूशन में मौजूद छोटे-छोटे कण सांस के जरिए खून में भी जाते हैं। यह हार्ट के आसपास की नसों में जमने लगते हैं और वहां रुकावट पैदा करते है। इससे हार्ट अटैक आ सकता है. कुछ वायु प्रदूषक तत्व, जैसे कि पीएम और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच), कैंसर का कारण बन सकते हैं. इससे लंग्स कैंसर का खतरा रहता है। बताते हैं कि एक्यूआई का 400 से ज्यादा होना बहुत खतरनाक होता है। इस हवा में सांस लेना ऐसा है जैसे आप हर दिन 15 से ज्यादा सिगरेट पी रहे हैं। प्रदूषण का गंभीर असर सांस की बीमारियों के मरीजों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर होता है।
ऐसे में इन लोगों को पॉल्यूशन से खुद का बचाव करना चाहिए। क्योंकि, प्रदूषण बुजुर्गों की पुरानी बीमारियों को और बढ़ा सकता है। अगर किसी को पहले से ही हार्ट की बीमारी है तो उसकी समस्या बढ़ सकती है। इसी तरह इस मौसम में सीओपीडी और अस्थमा जैसी सांस की बीमारियों के मरीज की परेशानी भी काफी बढ़ जाती है। ये पॉल्यूशन अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है और इससे अस्थमा अटैक आ सकते हैं। इसी तरह बढ़ते प्रदूषण और सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं। ऐसे में लोगों को सलाह है कि वह प्रदूषण से खुद का बचाव करें और नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहें।
डाक्टरों की राय
बाहर निकलने से पहले मास्क पहननें चाहिए, बाहर एक्सरसाइज करने से बचें, ज्यादा ट्रेफिक वाले इलाकों में न जाएं, अगर सांस की बीमारियां हैं तो अपनी दवाएं साथ रखें और अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें।
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