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बदलते मौसम में स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के उपचाराधीन मरीजों को किया सतर्क

बदलते मौसम में स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के उपचाराधीन मरीजों को किया सतर्क Health department alerted TB patients undergoing treatment in the changing weather
गोरखपुर, 22 नवम्बर। बढ़ती हुई ठंड के बीच स्वास्थ्य विभाग ने टीबी के उपचाराधीन मरीजों को सतर्क किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और चेस्ट फीजिशियन डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा है कि ठंड से बचाव न करने पर टीबी मरीजों में जटिलताएं बढ़ सकती हैं। अत्यधिक खांसी आ सकती है और इस खांसी के कारण संक्रमण के प्रसार की भी आशंका बढ़ जाती है। हांलाकि जिन टीबी मरीजों ने तीन से चार हफ्ते तक टीबी की दवा का नियमित सेवन कर लिया है।


उनसे संक्रमण नहीं फैलता है। इस मौसम में जिले के उपचाराधीन करीब नौ हजार टीबी रोगियों को विशेष तौर पर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि टीबी मरीजों को ठंड और प्रदूषण से बचाव के लिए इस मौसम में मास्क का प्रयोग करना चाहिए। इससे वह खुद भी जटिलताओं से बचेंगे, साथ ही बीमारी के प्रसार की आशंका भी कम रहेगी। नियमित दवा सेवन के साथ साथ मरीजों को गर्म कपड़े पहनने चाहिए। खांसी के साथ आने वाले बलगम को मिट्टी से ढक देना है। 


मौसमी फल व सब्जियों के साथ प्रोटीनयुक्त आहार जैसे दूध, पनीर, सोयाबीन, मांस और अंडे आदि का सेवन जारी रखना है। ठंड के मौसम में असावधानी फेफड़ों के टीबी के मरीजों में जटिलताएं बढ़ा सकता है, इसलिए मरीज पूरे शरीर को ढक कर रखें। घर से बाहर कम से कम निकलें। डॉ दूबे ने बताया कि इस मौसम में सर्दी और खांसी की समस्या सामान्य है। ऐसे में अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक की लगातार खांसी आ रही है तो उसे टीबी जांच भी अवश्य करवानी चाहिए। इस जांच की सुविधा सरकारी खर्चे पर सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। रात में पसीने के साथ बुखार, बलगम में खून आना, लगातार वजन गिरना, सांस फूलना और सीने में दर्द भी टीबी के लक्षण हैं। लगातार खांसी के साथ ये लक्षण दिखें तो जांच जरूर कराएं। टीबी के शीघ्र जांच और इलाज से जहां मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है, वहीं संक्रमण का प्रसार भी रुक जाता है।


मधुमेह ग्रसित टीबी मरीज रखें ध्यान

ठंड के मौसम में मधुमेह को नियंत्रित रखना भी एक अहम चुनौती है। जिन मरीजों को टीबी के साथ मधुमेह है उन्हें संयमित खानपान रखना चाहिए। मधुमेह को नियंत्रित रखे बिना टीबी की दवा कारगर नहीं होती है। आहार परामर्शदाता के सुझाव के अनुसार रोटी, दाल और हरी साग सब्जियों का सेवन करना चाहिए। दूध से मलाई हटा कर पीना चाहिए। मधुमेह और टीबी दोनों दवाओं का सेवन जारी रखना चाहिए। लक्षण दिखने पर मधुमेह के मरीजों को टीबी की जांच भी अवश्य करवानी चाहिए।

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