मनरेगा में मची लूट, फर्जी हाजिरी से मालामाल हो रहे जिम्मेदार
Looting in MNREGA, officials are getting rich by making fake attendance
बस्ती, 27 दिसम्बर। विकास के नाम पर मनरेगा योजना में महज दो परियोजनाओं पर फर्जीवाड़ा कर लगभग 2866 मजदूरों की हजिरी लगा कर 7 लाख रूपयें से ज्यादा बंदरबाट करने की साजिश सामने आई है। मामला कुदरहा ब्लाक के ग्राम पंचायत मंझरिया का है जिसमें सम्बन्धित अधिकारियों, कर्मचारियों का गठजोड़ बताया जा रहा है।
इण्टरनेट से प्राप्त सूचना के अनुसार ग्राम पंचायत मंझरिया में ‘‘स्कूल से राजदेव के घर तक“ व पंचायत भवन से सामुदायिक शौचालय तक दोनों परियोजनाओं में पिच रोड़ के दोनों पटरियों पर मरम्मत कार्य दर्शाकर 10 दिसम्बर से 24 दिसम्बर 2024 तक कुल लगभग 2866 मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाई गई है। इसमें लगभग 07 लाख रूपयें के बंदरबाट करने की खबर है, जबकि सूत्र बताते है कि इस फर्जीवाड़े के दौरान ब्लाक का कोई कर्मचारी, अधिकारी, परियोजना को अंजाम देने तक दूर-दूर तक मौके पर नजर नहीं आया। इसका नाजायज फायदा उठाते जिम्मेदारो ने मजदूरों की फर्जी फोटो कार्य योजना में दर्शाया है। फिर भी तकनीकी सहायक द्वारा कार्य के दौरान बगैर देखे एम बी करने की साजिश रची जा रहीं है।
इस मामले से समय-समय पर डी.सी. मनरेगा संजय शर्मा के अलावा खण्ड विकास अधिकारी कुदरहा आलोक रंजन व टी.ए.गिरी को अवगत कराया जा चुका है फिर भी फर्जी हजिरी लगाने का व सरकारी धन के बंदरबाट का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। अब सवाल उठता है कि क्या शासन-प्रशासन ऐसे फर्जीवाडा व सरकारी धन के दुरूप्योग को रोकने और मामले की साजिश में शामिल अधिकारियों कर्मचारियों पर कब कार्यवाही करेगा। वहीं विपक्षी जनप्रतिनिधियों ने भी अपना मुँह बन्द कर लिया है। इस मामले में अनेक प्रबुद्धजनों ने कहा है कि राजग सरकार की पारदर्शिता और सुशासन पूर्व सरकारों से भी बद्तर हैं और भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं पार कर रहा है।
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