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आत्मदाह की चेतावनी के बाद पुलिस छावनी में तब्दील हुआ विकास भवन

आत्मदाह की चेतावनी के बाद पुलिस छावनी में तब्दील हुआ विकास भवन
बस्ती, 27 फरवरी। गौर विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत पतिला के बुजुर्ग की पेंशन रोके जाने के विरोध में विकास भवन पर आमरण अनशन पर बैठे भारत मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष आरके आरतियन द्वारा आत्मदाह किये जाने की चेतावनी के बाद स्थानीय प्रशासन के हाथ पांव फूल गये। हालांकि जानकारी मिलते ही विकास भवन पुलिस छावनी में तब्दील हो गया और आरतियन आत्मदाह नही कर पाये। वे तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं। 


आरतियन का आरोप है की गौर विकास क्षेत्र के पतिला ग्राम पंचायत में ग्राम सचिव ने बुजुर्ग को मृत दिखाकर उसकी पेंशन रोक दिया। अनेकों बार सिफारिश की लेकिन अफसरों ने कोई कार्यवाही नही की। मजबूर होकर आमरण अनशन शुरू करना पड़ा। आरतियन की मांग है कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये और बुजुर्ग की पेंशन बहाल की जाये। इससे पहले बुधवार को अचानक आरतियन की तबियत बिगड़ने पर उन्हे जिला अस्पताल ले जाया गया, उपचार के बाद वे फिर विकास भवन पहुंचे और उसी स्थान पर फिर से आमरण अनशन शुरू कर दिया। अधिकारियों ने कार्यवाही के लिये एक दिन का समय मांगा है। समाचार लिखे जाने तक अनशन जारी था। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हे उठाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। हैरानी इस बात की है कि दोषी ग्राम पंचायत सचिव पर कार्यवाही करने की बजाय उसे संरक्षण दिया जा रहा है। अनशन को सैकड़ों लोगों का समर्थन प्राप्त है।


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