बस्ती में INDIAN PUBLIC SCHOOL की है अपनी विशिष्ट पहचान, अनुशासन, शैक्षिक गुणवत्ता सबसे बड़ी खासियत
बस्ती, 17 अप्रैल। स्कूलों में नया सत्र शुरू हो चुका है। अभिभावक अपने बच्चों के लिये बेहतर स्कूल की तलाश मे हैं। हर स्कूल की अपनी कुछ विशेषतायें हैं जो उसे दूसरे स्कूलों से भिन्न एक पहचान देती हैं। बांसी रोड पर हरदिया चौराहे के निकट स्थित इंडियन पब्लिक स्कूल जनपद के नामचीन स्कूलों में एक है। इंडियन पब्लिक स्कूल के संस्थापक कैलाशनाथ द्विवेदी हैं।
इन्ही के हाथों में स्कूल की बागडोर भी है। स्कूल की खासियत की बात करें तो यहां का अनुशासन ही स्कूल को खास बना रहा है और आप समझ सकते हैं स्कूल में अनुशासन अच्छा हो तो बाकी गुणवत्ता बनाये रखना बहुत आयान होता है। जबकि अनुशासन कमजोर हो तो सारी सुविधायें और गुणवत्ता किसी काम की नहीं। इतना अच्छा अनुशासन स्वयं कैलाशनाथ द्विवेदी की वजह से है। वे खुद अनुशासित हैं, ज्यादातर कैम्पस में मौजूद रहते हैं और सभी प्रकार की गतिविधियों पर उनकी नजर रहती है। अब तक स्कूल से पढ़लिख कर निकले अनेकों छात्रा छात्राओं ने अपने माता पिता, स्कूल और जिले का नाम रोशन किया है।
शिक्षणेत्तर क्रिया कलाप
स्कूल की छात्र छात्रायें बस्ती महोत्सव हो या रामलीला जैसे शहर में अथवा स्कूल कैम्पस होने वाले भव्य आयोजन, सभी कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। रंगोली, रामनवमी, जन्माष्टमी पर होने वाले आयोजन देखने लायक होते हैं।
सुविधायें
इंडियन पब्लिक स्कूल की स्थापना वर्ष 2003 में हुई। इस वक्त यहां नर्सरी से इण्टरमीडिएट तक कक्षायें संचालित हो रही हैं। 26 हवादार कमरे, मनमोहक बागवानी, गर्ल्स और ब्वायज के लिये सात-सात शौचालय, समरसेबल पंप, स्वच्छ पेयजल, बच्चों को लाने ले जाने हेतु पर्याप्त संख्या में वाहन, समृद्ध पुस्तकालय, व्यवस्थित सांइंस व कम्प्यूटर लैब, साइकिल स्टैन्ड, दो सुरक्षा गार्ड, जगह जगह सीसीटीवी कैमरे, बाउण्ड्री वाल, आकर्षक, गेट, शिक्षणेत्तर क्रिया कलाप स्कूल को निरन्तर नई पहचान दे रहे हैं।
स्टाफ व अन्य सुविधायें
37 अध्यापक, 978 बच्चे मिलकर अपनी योग्यता क्षमता तथा अनुशासन से नये कीर्तिमान गढने में जुटे है। एक मुलाकात में इंडियन पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर कैलाशनाथ दूबे ने मीडिया दस्तक को बताया कि जो छात्र छात्रायें 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करती हैं उनसे अगली कक्षा में फीस नही ली जाती है। इसके साथ ही सभी बच्चों को 5 किमी. के दायरे में स्कूल वाहन से निःशुल्क लाया और पहुचाया जाता है तथा लड़कियों का एडमिशन फ्री होता है। इतनी सारी खासियत के बाद इंडियन पब्लिक स्कूल जैसी संस्था खड़ी होती है। कैलाश दूबे ने सभी छात्र छात्राओं को नये शैक्षिक सत्र की शुभकामनायें दिया और कहा वे अपनी क्षमता का एक एक कतरा खुद को कामयाब बनाने में लगाये, स्कूल अपनी ओर से कोई प्रयास बाकी नही रखेगा।
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