कुछ कर सकते हैं तो आगे आइये, वरना अपनी बारी का इंतजार करिये...
अशोक श्रीवास्तव की समीक्षाः बस्ती जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के सिद्धनाथ गांव में 5 साल की बच्ची संग हुई दरिंदगी कलेजा कंपाने वाली है। मै लिख रहा हूं मेरे हाथ कांप रहे हैं। हर कोई स्तब्ध है। यहां रविवार 18 मई को 5 साल की मासूम अपनी दादी को ढूढ़ने निकली थी। दरिंदों ने अगवा कर उसका बोथ साइड रेप किया। इससे भी मन नहीं भरा तो उसको पटक पटक कर मार डाला। पीएम रिपोर्ट के अनुसार उसके दोनो हाथ मरोड़कर तोड़ दिए गये और गला दबाकर हत्या कर दी। पैर की हड्डी तोड़ दी गई, सिर में गंभीर चोट मिले। इसके बाद गला रेतकर उसके शव को कब्रिस्तान के पास फेंक दिया। दरिंदों ने उसे मारने के लिये कई उपाय अपनाये वे उसे तड़पकर मरते देखना चाहते थे। जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंची और शव को बरामद किया। मासूम पास के ही एक स्कूल में पहली कक्षा की छात्रा थी। एक महिला डॉक्टर सहित तीन डॉक्टरों के पैनल ने मासूम का पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट में अत्यंत बेरहमी से उसकी हत्या की बात बताई जा रही है।
बस्ती जिले में गंभीर अपराध बढ़ रहे हैं। नागरिक मुखर होकर बस्ती की कानून व्यवस्था और पुलिसिंग पर सवाल उठा रहे हैं। 13 मई को कटेश्वर पार्क के निकट मां के बगल में फुटपाथ पर सो रही 4 साल की मासूम बच्ची को उठाकर उसके साथ दरिंदगी की गई। सुबह बच्ची मां के पास वापस लौटी तो उसके प्राइवेट पार्ट से खून निकल रहा था। मां को दुष्कर्म की आशंका हुई जिसकी बाद में पुष्टि हुई। बेटी के साथ हुई इस हैवानियत को उसका पिता बर्दाश्त नही कर पाया और उसने अचानक दम तोड़ दिया। घटना को लेकर नागरिकों में काफी गुस्सा देखा गया। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान आरोपी को पैर में गोली मारकर पकड़ा, नागरिकों ने कहा सीने में गोली मारनी चाहिये थी।
14 मई को थाना क्षेत्र के मंगल बाजार में बिंदेश्वरी प्रसाद जगदंबा प्रसाद सर्राफ की दुकान पर ग्राहक बनकर आया युवक सोने की चेन लेकर भाग गया। वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई और वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। लेकिन एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी पुलिस खाली हाथ है और व्यापारियों में गुस्सा है। लोग कह रहे हैं पुलिस का खुफिया तंत्र और नेटवर्क काफी कमजोर हो चुका है, मॉनीटरिंग भी दोयम दर्जे की है। यही कारण है कि ताबड़तोड़ गंभीर अपराध हो रहे हैं।
16 मई को इसी थाना क्षेत्र के हथियागढ़ की रहने वाली युवती, भोजपुरी एक्ट्रेस और यू ट्यूबर पूर्वी दूबे को सरेराह मनचलों ने गलत नीयत से खींचकर अपनी स्विफ्ट डिजायर कार में बैठाने की कोशिश की। इस दौरान उसके नाजुग अंगों को बैडली टच किया गया और विरोध करने पर मारपीट की गई उसके कपड़े फाड़े गये। पुलिस ने युवती द्वारा दी गई तहरीर बदलकर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया। नतीजा ये है कि आरोपी सीना तानकर घूम रहे हैं और उसे 10 दिन के भीतर हत्या की धमकी दे रहे हैं। युवती कमजोर इरादों वाली होती तो उसके साथ अनहोनी हो चुकी थी, ये तो उसका आत्मविश्वास है कि अपने साथ हुये अत्याचार के खिलाफ डटकर खड़ी है।
20 मई मंगलवार की सुबह थाना क्षेत्र के पाण्डेय बाजार में एक पुराने शटर के अंदर कूड़े के ढेर पर महिला की जली हुई लाश मिली है। उसकी उम्र 28 साल बताई जा रही है। जानकारी मिलने पर पुलिस, फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। आसपास के लोगों से पूछताछ की गई और साक्ष्य जुटाये गये। लाश को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम को भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि महिला के साथ रेप हुआ है या नहीं। महिला का नाम राधिका देवी बताया जा रहा है।
सीसीटीवी कैमरे से मिले साक्ष्य के मुताबिक अतुल अरोरा की गली में एक युवक ने महिला को डंडे से मारा, वह बेहोश हो गई, इसके बाद उसे उठाकर शटर के अंदर ले गया और यहा जमा किये गये कूड़े के ढेर पर रखकर लाश को जला दिया। महिला अपनी चार बहनों और पिता के साथ पाण्डेय बाजार में रहती थी और पिता रामू डेयरी में काम करता है। घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों में गुस्सा है। साथ ही पुरानी बस्ती पुलिसिंग पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। लोग यह भी कह रहे हैं कि शासन सत्ता तक पहुंच होने का थानाध्यक्ष को लाभ मिल रहा है और पुलिस कप्तान के भी चहेते बने हुये हैं।
हालात अच्छे नही है। बस्ती जनपद तो एक बानगी है। पूरे उत्तर प्रदेश और देशभर में ऐसे ही हालात हैं। समाज को आगे आने की जरूरत है। मीडिया को दलाली और चाटुकारिता छोड़कर अपने वास्तविक रूप में आना होगा। जब जब हालात इतने बुरे हुये हैं जनता जागी है, कलकाकारों ने उनकी आवाज बुलंद की है और सत्ता चाहे जितनी ताकतवार रही हो बालू के भीत की तरह भरभराकर जमींदोज हो गई। सरकार मंत्री नेता सभी अपना वजूद खो चुके हैं। आईएएस आईपीएस के हाथों में समूची व्यवस्था है। उनकी संवेदनायें मर चुकी हैं। वे दिल नही दिमाग से सोचते हैं। सारा दिमाग नेता मंत्री और सरकार को खुश करने में लगाया जा रहा है। महंगाई बेरोजगारी और चारित्रिक गिरावट खतरनाक स्तर पर पहुंची है। कवि साहित्यकार पत्रकार और जनता मिलकर बगैर किसी भेदभाव के प्रसास करें तो स्थितियां सुधार की ओर जा सकती हैं। अगर ऐसा नही कर सकते तो आप किसी कोने में बैठकर इंतजार करिये आपका भी नम्बर आयेगा।
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