तंत्र मंत्र के चक्कर में बालक की नरबलि, 4 गिरफ्तार
देवरिया, उ.प्र.। भलुअनी थाना क्षेत्र में पटखौली में तंत्र-मंत्र के चक्कर में नौ साल के आरुष का अपहरण कर हत्या करने के मामले का पुलिस ने शनिवार को खुलासा कर दिया। वारदात को अंजापम देने के आरोप में पुलिस ने दो सगे फूफा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें सुरौली थाना क्षेत्र के पैकौली निवासी इंद्रजीत गोंड और गोरखपुर के बड़हलगंज के सिधुआपार निवासी रमाशंकर समेत चार लोग शामिल हैं।
इनमें इंद्रजीत गोंडा में सिपाही के पद पर तैनात है। पूछताछ में आरोपियों ने 16 अप्रैल को अगवा कर 19 अप्रैल को आरुष की हत्या करने का अपराध कबूल किया। पटखौली निवासी सोमनाथ गोंड ने बताया कि 17 अप्रैल को भतीजे आरुष के लापता होने की सूचना उन्होंने पुलिस को दी थी। एसपी विक्रांत वीर ने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित टीम ने एक अगस्त को आरुष के फूफा इंद्रजीत के मामा मदनपुर क्षेत्र के डुमरी निवासी सोखा जयप्रकाश गोंड को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
एसपी के मुताबिक जयप्रकाश ने पुलिस को बताया कि सुरौली थानाक्षेत्र के पैकौली निवासी इंद्रजीत गोंड की शादी दिसंबर 2024 में आरुष की बुआ से हुई थी। शादी के बाद ससुराल पक्ष ने उस पर देवी का साया बताकर झाड़-फूंक कराना शुरू किया। झाड़-फूंक करने वाले इंद्रजीत के मामा जयप्रकाश ने देवी को शांत कराने के लिए नरबलि की सलाह दी थी। इसके बाद इंद्रजीत ने गोरखपुर के बड़हलगंज क्षेत्र के सिधुआपार निवासी अपने साढ़ू रमाशंकर उर्फ शंकर से बलि की खातिर बच्चे की व्यवस्था के लिए 50 हजार रुपये में सौदा किया।
पुलिस के मुताबिक रमाशंकर ने अपने साले योगेश के बेटे आरुष को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया। उसने एक दिन बच्चे को अपने घर में रखा। बाद में बच्चे को इंद्रजीत तक पहुंचा दिया। इंद्रजीत और रमाशंकर ने जयप्रकाश के साथ मिलकर 19 अप्रैल को कोतवाली क्षेत्र के पिपरा चंद्रभान गांव के एक बागीचे में चाकू से गला रेतकर आरुष की हत्या कर दी और शव दफना दिया। अगले दिन 20 अप्रैल को शव निकालकर बोरे में रखकर पिकअप में बरहज के गौराघाट ले गए और नदी में फेंक दिया। इंद्रजीत की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल चाकू, फावड़ा, पिकअप और दो बाइक पुलिस ने बरामद की है। पुलिस ने चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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