नोयडा में फर्जी पुलिस आफिस खोलकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 6 गिरफ्तार
गौतमबुद्ध नगर, संवाददाता (ओ पी श्रीवास्तव)।
नोएडा पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुये उत्तर प्रदेश पुलिस की तरह समानांतर कार्यालय खोलकर आम जनता को ठगते वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। 6 अभियुक्त गिरफ्तार किये गये हैं जो पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। उनके पास से उच्च अधिकारियों एवं विदेशी दूतावासों के जाली दस्तावेज भी बरामद हुए है।
उक्त सम्बन्ध में डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि अभियुक्तों ने इंटरनेशनल पुलिस एण्ड क्राइम इनवेस्टिगेशन ब्यूरो के नाम से लोगो को भ्रमित करने के लिए फर्जी ऑफिस खोला था। वे खुद को सरकारी कर्मचारी होने का दावा करते थे। थाना फेस 3 सेन्ट्रल नोएडा पुलिस द्वारा शनिवार की रात्रि में अभियुक्तें को बीएस 136 सैक्टर 70 से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों के कब्जे से 9 मोबाइल फोन, 17 स्टाम्प मोहर, 6 चैक बुक, 9 आईडी कार्ड, 1 पैन कार्ड, 1 वोटर कार्ड, 6 एटीएम कार्ड, 3 प्रकार के विजिटिंग कार्ड, मंत्रालयो से मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट, 1 सीपीयू, 4 इन्टरनेशनल पुलिस एण्ड क्राईम इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो के बोर्ड ,42300 रुपये व अन्य दस्तावेज बरामद हुए है।
उन्होंने बताया कि अपराधियों ने बाकायदा गैंग बना रखा था। लोगो को भ्रमित करने के लिए कूटरचित दस्तावेज दिखाते थे जैसे विभिन्न मंत्रालयो से मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट आदि। वे अपनी संस्था को इंटरनेशनल श्रेणी की बताते थे व अपना सम्बद्धीकरण Ministry of tribal affairs, Ministry of Ayush and Ministry of Social Justice and Empowerment. से बताते थे। यह अपना एक ऑफिस यूनाईटेड किंगडम मे भी बताते थे। डीसीपी शक्ति मोहन के अनुसार यह लोग आम लोगो के सामने अपने आप को लोकसेवक की तरह प्रस्तुत करते थे और अपनी वेवसाईट www.intlpcrib.in के माध्यम से लोगो से डोनेशन के रूप मे पैसा लेने का काम कर रहे थे।
यह लोग अपने पास प्रेस के आई कार्ड ,अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आईकार्ड एवं विभिन्न संस्थाओ के आईकार्ड, मोहर आदि लोगो को बेवकूफ बनाने एव उनको प्रभाव मे लेने के लिये रखते थे। डीसीपी ने बताया कि इस संबंध में बिभाष चन्द्र अधिकारी पुत्र प्रभाकर अधिकारी, अराग्य अधिकारी पुत्र विभाषचन्द्र अधिकारी, बाबुल चन्द्र मंडल पुत्र स्व0 वीरेन्द्रनाथ मण्डल, पिन्टूपाल पुत्र उत्पल पाल समापदमल पुत्र अदुमल, और अशीष कुमार पुत्र मुनिमय मोहन सिंह को
गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
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