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चलती फिरती पाठशाला थे जनेश्वर मिश्र -महेन्द्रनाथ यादव



चलती फिरती पाठशाला थे जनेश्वर मिश्र  -महेन्द्रनाथ यादव

बस्ती, 05 अगस्त। समाजवादी चिन्तक अपनों में छोटे लोहिया के रूप में लोकप्रिय पूर्व केन्द्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र को उनकी जयन्ती पर याद किया गया। मंगलवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय में बस्ती सदर विधायक एवं सपा जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव के संयोजन में आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने उन्हें याद किया। 


महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि वे आखिरी सांस तक समाजवादी थे और उन्हें समाजवाद की चलती फिरती पाठशाला कहा जाता था। राजनीति में उन्होने सदैव सादगी बनाये रखी और कार्यकर्ताओं को सर्वोच्च सम्मान दिया। युवा पीढी को उनके जीवन संघर्ष और राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरणा लेनी चाहिये। कहा कि आज जब देश में साम्प्रदायिक धु्रवीकरण हो रहा है ऐसे में हमें अपने गंगा जमुनी तहजीब को बचाये रखना होगा, यही जनेश्वर मिश्र जैसे महान नेता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। विधायक राजेन्द्र चौधरी, कविन्द्र चौधरी ‘अतुल’ पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, दयाशंकर मिश्र, श्रीपति सिंह, समीर चौधरी आदि ने जनेश्वर मिश्र को नमन् करते हुये कहा कि जनेश्वर मिश्र के प्रभाव से बडी संख्या में युंवा जुड़े और समाजवादी विचारधारा को देश भर में स्वीकारोक्ति मिली। 


वक्ताओं ने स्मृतियां को साझा करते हुये कहा कि बस्ती से जनेश्वर मिश्र का विशेष लगाव था, वे जब आते तो सबसे मिलने की कोशिश करते। कहा कि कार्यकर्ताओं के लिये उनके मन में विशेष सम्मान था। सादगी उनके राजनीति की विशेषता थी। उन्होने कभी दिखावें की राजनीति नहीं की और गांव, गरीब, आम आदमी की पीड़ा में सड़क से संसद तक स्वर देते रहे। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। कहा कि सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला। इनके नाम पर लखनऊ में एशिया का सबसे बड़ा सुन्दर पार्क सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के प्रेरणा से उत्तर प्रदेश के पूर्व युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा निर्माण कराया गया। ऐसे महापुरूष को सदैव स्मरण किये जाने की जरूरत है।

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