राज्यपाल के बयान को लेकर भाजपा को घेरने में जुटा विपक्ष
अयोध्या, उ.प्र.। राज्यपाल आनंदीबेन ने अयोध्या भ्रमण के दौरान ऐसा बयान दिया जिसको रि पोस्ट पर विपक्षी पार्टियां भाजपा पर हमलावर हैं। राज्यपाल ने अपने एक बयान में कहा कि ‘‘रामलला के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। उनको आसानी से दर्शन हो जाते हैं लकिन फाइलों के दर्शन आसानी से नहीं होते हैं।
फाइलों की मंजूरी के लिए अफसरों के टेबल घूमने पड़ते हैं। इसलिए रामलला के दर्शन आसान, लेकिन फाइलें टेबल दर टेबल भटकती हैं।’’अयोध्या सीएसआर कॉन्क्लेव में शिरकत करने आईं आनंदी बेन ने कहा- सरकारी दफ्तरों में फाइल एक टेबल पर पहुंचती है तो वहां कमियां निकाली जाती हैं। फिर दूसरे टेबल पर फाइल जाती है तो वहां और कमियां निकाली जाती हैं। यही मामला तीसरी और चौथे टेबल पर भी होता है। मेरा सभी सरकारी अधिकारियों से यही कहना है कि पहली टेबल पर जो बैठा वही सारी कमियां निकालकर फाइल को पास कर दे।
ये हाल सिर्फ यूपी में नहीं है, पूरे भारत में है। गौरतलब है कि आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में अयोध्या सीएसआर कॉन्क्लेव-2025 का आयोजन डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में किया गया। कार्यक्रम में 70 आंगनबाड़ी भवनों का शिलान्यास, जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों को 1000 प्री-स्कूल किट उपलब्ध कराने हेतु समझौता ज्ञापन संपन्न हुआ। गवर्नर ऑफ उत्तर प्रदेश के एक्स हैंडल से इनकी तस्वीरें भी शेयर की गई हैं। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का बयान भ्रष्टाचार के मुंह पर करारा तमाचा है। सत्ताधारी दल को इसे गंभीरता से लेना चाहिये और कार्यप्रणाली में सुधार लाना चाहिये।
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