गंभीर हो सकती है प्रोस्टेट की समस्या, सतर्कता जरूरी- डा.वी.के. वर्मा
Prostate problems can be serious, caution is necessary - Dr. V.K. Verma
पुरूषों की बढ़ती उम्र के साथ कुछ स्वास्थ्य समस्यायें स्वाभाविक रूप से सामने आने लगती हैं। इनमे प्रोस्टेट की समस्या खास है। इसे ठीक से समझने के लिये हमे जानना होगा, प्रोस्टेट क्या है, इसके बढ़ने से पुरूषों में कौन सी समस्या उत्पन्न होती है और इसका इलाज क्या है। इसके लिये मीडिया दस्तक न्यूज ने बस्ती के जिला चिकित्सालय मे सेवायें दे रहे आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा से विस्तार से बातचीत किया। आइये प्रोस्टेट के बारे मे कुछ ज्यादा जानते हैं।
प्रोस्टेट क्या है ?
प्रोस्टेट शरीर में मौजूद एक ग्रंथि होती है, जिसको ’पौरुष ग्रंथि’ भी कहा जाता है। यह एक द्रव पदार्थ का उत्पादन करती है, जो स्खलन के दौरान शुक्राणुओं को ले जाता है। यह ग्रंथि मूत्रमार्ग के चारों ओर होती है और मूत्रमार्ग वह ट्यूब होती है, जो पेशाब को शरीर से बाहर निकालती है। पौरुष ग्रंथि के बढ़ने का मतलब होता है कि यह ग्रंथि जरूरत से ज्यादा विकसित हो गई है। अधिक उम्र होने पर लगभग सभी पुरूषों की पौरुष ग्रंथि का आकार बढ़ने लगता है।
क्यों बढ़ता है प्रोस्टेट
उम्र बढ़ना एक महत्वपूर्ण कारण है, खासकर बीपीएच और प्रोस्टेट कैंसर के लिए। हार्मोनल परिवर्तन, विशेष रूप से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में असंतुलन, प्रोस्टेट की वृद्धि का कारण बनते हैं। डा. वी.के. वर्मा ने बताया कि आनुवंशिक कारणों को भी नजरअंदाज नही किया जा सकता है। उच्च वसा वाले आहार, मोटापा और इंफेक्शन, आवश्यकता से अधिक सेक्स, प्रोस्टेट की जगह चोट लगना, किडनी का रोग होना भी प्रोस्टेट के बढ़ने के कारण होते हैं।
प्रोस्टेट बढ़ने का लक्षण
पेशाब में जलन होना, रुक रुक कर बार बार पेशाब आना, पेशाब रुका हुआ है ऐसा महसूस होना, सोते समय पेशाब का आना, प्रोस्टेट में सूजन होना, प्रोस्टेट का भाग कठोर) हो जाना, पेशाब की धार कम हो जाना, पेसाब करने पर दर्द होने का मतलब प्रोस्टेट की परेशानी शुरू हो चुकी है। शुरूआती दौर की सावधानी अपनाकर बड़ी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
प्रोस्टेट के बढ़ने का प्रभाव
प्रोस्टेट का आकार बढ़ने से मूत्र का प्रवाह अवरुद्ध होने लगता है जो आगे चलकर काफी तकलीफें पैदा कर सकती हैं। इसके कारण मूत्राशय, मूत्र मार्ग या किडनी संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। एक बढ़े हुए प्रोस्टेट को ’सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लाशिया’ (बी.पी.एच.) कहा जाता है। पौरुष ग्रंथि का आकार बढ़ना कोई कैंसर संबधी समस्या नहीं होती और ना ही यह कैंसर होने के जोखिमों को बढ़ाती हैं।
प्रोस्टेट का उपचार
प्रोस्टेट की समस्या से छुटकारा पाने के लिये कई उपचार उपलब्ध हैं, जिनमें दवाएं, थेरेपी और सर्जरी आदि शामिल हैं। नियमित तितली आसन प्रोस्टेट से छुटकारा पाने का आसान उपाय है। सबसे बेहतर उपचार चुनने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों तथा बढ़ी हुई ग्रंथि के आकार जानकर इसका उपचार तय करते हैं।
शाम के समय तरल प्रदार्थ का सेवन कम करना चाहिये। खास तौर से कैफीनयुक्त और अल्कोहल वाले पदार्थ। ये दोनो पदार्थ मूत्राशय की मांसपेशियों के टोन को प्रभावित करते हैं साथ ही किडनी को मूत्र उत्पादन हेतु उत्तेजित करते हैं और रात मे कई बार बाथरूम जाना पड़ता है। प्रोस्टेट बढ़ने से रोकने के लिये हमे बाथ रूम मे मूत्राशय को खाली करने में कुछ ज्यादा समय लगाना चाहिये। इससे बार बार पेशाब जाने की समस्या कम हो सकती है। संतुलित आहार और पर्याप्त मात्रा मे पानी पीने से भी प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ारूक जाता है।
आयुर्वेदिक उपचार
सफेद मूसली, कद्दू के बीज,शतावरी, सौंफ और धनिया, गोक्षुरा और लहसुन प्रोस्टेट की समस्या का जड़ से निदान कर सकते हैं। आइये इनके प्रयोग करने का तरीका जानते हैं।
सफेद मूसली
सफेद मूसली एक प्राकृतिक टॉनिक है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखता है और मूत्र मार्ग में आई रुकावट को दूर करता है। देर से पेशाब आना जैसी समस्याओं को खत्म करता है। एक चम्मच मूसली पाउडर दूध के साथ रोज पिएं, लाभ होगा।
कद्दू के बीज
कद्दू के बीजों में जिंक और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो प्रोस्टेट ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखते हैं और सूजन कम करते हैं। रोज एक मुट्ठी कद्दू के बीज खाएं या इसका तेल इस्तेमाल करें।
शतावरी
शतावरी पेशाब मार्ग को साफ करने और सूजन को कम करने में मदद करती है। यह प्रोस्टेट को स्वस्थ बनाए रखती है. गुनगुने दूध में शतावरी चूर्ण मिलाकर रात को पिएं, फायदा होगा।
सौंफ और धनिया
सौंफ और धनिया प्रोस्टेट की सूजन को कम करने में मदद करते हैं और मूत्र मार्ग को साफ रखते हैं। सौंफ और धनिया के बीज का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार पिएं, लाभ होगा।
गोक्षुरा
गोक्षुरा आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी मानी जाती है, जो विशेष रूप से प्रोस्टेट, मूत्र मार्ग और किडनी से जुड़ी समस्याओं के लिए फायदेमंद है। यह प्राकृतिक रूप से शरीर की ताकत बढ़ाने, टेस्टोस्टेरोन संतुलन बनाए रखने और मूत्र विकारों को ठीक करने में मदद करती है। गोक्षुरा चूर्ण को एक चम्मच शहद या गर्म पानी के साथ लें।
लहसुन
रोज सुबह खाली पेट 1-2 कच्चे लहसुन की कलियां चबाएं. लहसुन में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो प्रोस्टेट इंफेक्शन से बचाव करते हैं।
होम्योपैथी में उपचार
कोनियम मैक, बैराइटा कार्ब, सैबाल सेरुटा, स्टैफिसैग्रिया, कल्केरिया फ्लोर, कैन्थंरिस, लाइकोपोडियम आदि औषधियों का सेवन लक्षणानुसार चिकित्सक के परामर्श से किया जा सकता है। होम्योपैथिक उपचार प्राकृतिक पदार्थों से प्राप्त होते हैं और अपने न्यूनतम दुष्प्रभावों के लिए जाने जाते हैं।
इक्सपर्ट परिचय
डा. वी.के. वर्मा, जिला अस्पताल बस्ती में तैनात आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं। आपने करीब 35 साल के चिकित्सा अनुभवों के आधार पर लाखों रोगियों का सफल इलाज किया है। इन्होने बस्ती से फैजाबाद मार्ग पर पटेल एस.एम.एच. हॉस्पिटल एवं पैरामेडिकल कालेज, बसुआपार में डा. वी.के. वर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस सहित कई विद्यालयों की स्थापना की है। खास बात ये है कि इनके अस्पताल में दवाओं के अतिरिक्त रोगियों से कोई चार्ज नही लिया जाता। दवाओं के भुगतान में भी डा. वर्मा गरीबों, पत्रकारों, साहित्यकारों की मदद किया करते हैं। इनकी सेवाओं या परामर्श के लिये इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है। मो.न. 9415163328
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