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बगैर डियूटी तनख्वाह उठा रहे हैं परिषदीय विद्यालय के अध्यापक



बगैर डियूटी तनख्वाह उठा रहे हैं परिषदीय विद्यालय के अध्यापक
बनकटी, बस्ती (बीपी लहरी)
परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की मनमानियां सिर चढ़कर बोल रही है। जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने की बजाय गुनहगारों को बचा रहे हैं। बनकटी ब्लाक के परिषदीय विद्यालय काँची में लगभग डेढ़ साल से एक महिला शिक्षक शोभा सिंह की तैनाती है। जो स्कूल कभी आती ही नहीं हैं। यहां तक कि उनको स्कूल के बच्चे पहचानते ही नही। 


इसके पूर्व वह महिला शिक्षक ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गूदी में तैनात रही। वहां भी तीन चार माह में एक बार स्कूल आकर सिर्फ उपस्थित पंजिका में हाजिरी लगाकर गायब हो जाती रहीं। बताया जाता है कि शोभा सिंह पति के साथ किसी महानगर में रहती हैं। जहां पति सरकारी कर्मचारी हैं। इसी तरह से खड़ौहाँ में एक ऐसी महिला शिक्षक तैनात हैं जहाँ उनके स्थान पर उनके पति कभी कभार स्कूल आकर उनकी हाजिरी लगाते हैं। यहां बच्चों की संख्या सिफर होने के साथ कुल दो शिक्षक एक शिक्षामित्र व एक रसोइया तैनात है। 

      

ब्लाक के पूर्व माध्यमिक स्कूल इटहर में तैनात प्रधानाध्यापक रबिन्द्र चौधरी नियमित डेढ़ से दो घन्टे हमेशा लेट स्कूल पहुँचते हैं। बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है लेकिन अभिलेखों में कुछ बच्चे दर्शाये जा रहे हें। ऐसे और भी कई उदाहरण हैं लेकिन अफसरों का मौन हैरान करने वाला है। खन्ड शिक्षाधिकारी बीएसए और एडी बेसिक कार्यवाही नही करना चाह रहे हैं। आरोप तो यह भी है कि बीएसए आम नागरिक का आवश्यक मोबाइल काल रिसीव करना अपमान समझते हैं। यही स्थित एडी बेसिक की है। जिसने अपने सीयूजी नं.को अपने कार्यालय के एक बाबू को दे दिया है, जो एडी बेसिक से बात कराना गुनाह मानता है। कुल मिलाकर परिषदीय स्कूलों की शिक्षा पटरी पर लाने के मुख्यमंत्री योगी के द्वारा पानी की तरह धन खर्च करने पर भी सफलता दूर होती जा रही है।

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